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विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस: कस्टमर की जिद्द के आगे हारा जेट एयरवेज - उपभोक्ता दिवस

पैसेंजर की जिद्द के आगे जेट एयरवेज और मेक माय ट्रिप हार गया. कनेक्टिंग फ्लाइट में जगह नहीं देने की वजह से उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को उनकी पूरी टिकट लौटाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते डेढ़ लाख रुपए देने का फैसला दिया.

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उपभोक्ता के सामने हारा जेट एयरवेज

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Published : Mar 14, 2021, 10:59 AM IST

जबलपुर। जो लोग हवाई यात्रा करते हैं, उन्हें अक्सर परेशानी से गुजरना पड़ता है. उन्हें कनेक्टिंग फ्लाइट में जगह नहीं मिलती है. इसके चलते उन्हें टिकट कैंसिल करवानी पड़ती है और नई टिकट लेनी पड़ती है, लेकिन जबलपुर के प्रकाश उपाध्याय को यह परेशानी बर्दाश्त नहीं हुई. उन्होंने इसके खिलाफ उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया. उपभोक्ता फोरम ने न केवल प्रकाश उपाध्याय के पक्ष में फैसला दिया, बल्कि जेट एयरवेज को उनकी पूरी टिकट लौटाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की वजह से डेढ़ लाख रुपए अतिरिक्त देने का फैसला दिया.

मेक माय ट्रिप और जेट एयरवेज ने किया धोखा
दरअसल, प्रकाश उपाध्याय अपने परिवार के साथ दक्षिण भारत की एक ट्रिप पर गए हुए थे. उन्होंने यह ट्रिप मेक माय ट्रिप के जरिए लगभग 3 महीने पहले बुक करवाई थी. इसमें जेट एयरवेज के जरिए यात्रा करने का प्रावधान था. यात्रा में लौटते समय तिरुअनंतपुरम से मुंबई के लिए आना था. मुंबई से नागपुर की फ्लाइट थी, लेकिन बिल्कुल अंतिम समय में तिरुअनंतपुरम में जेट एयरवेज ने उन्हें मैसेज दिया कि जिस फ्लाइट से उन्हें मुंबई जाना है, उसमें जगह नहीं है. इसलिए वे एक दूसरी फ्लाइट में उन्हें शिफ्ट कर रहे हैं. प्रकाश उपाध्याय ने जेट एयरवेज का प्रस्ताव मान लिया, लेकिन जो अल्टरनेट फ्लाइट दी जा रही थी, उसमें लगभग 18 घंटे बर्बाद होने थे, जबकि पहले से तय प्लान के अनुसार केवल 4 घंटे में वह अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच जाते.

प्रकाश ने जेट एयरवेज के अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने परिवार के 8 लोगों के लिए उसी फ्लाइट में जगह दे दी, जिसमें जगह न होने की बात कही जा रही थी. बाकी 8 लोगों के लिए दोगुने दाम पर टिकट लेना पड़ा. बहरहाल प्रकाश उपाध्याय उस फ्लाइट से लौट तो आए, लेकिन अपनी परेशानी को उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद फोरम के सामने रखा.

उपभोक्ता के सामने हारा जेट एयरवेज
जबलपुर आकर दोनों बड़ी कंपनियों को देने पड़े जवाबप्रकाश उपाध्याय ने जेट एयरवेज और मेक माय ट्रिप को लेकर कहा कि जब आप पैसे का लेन देन जबलपुर में कर सकते हों, तो जबलपुर के न्यायालय में सुनवाई क्यों नहीं हो सकती ?. कोर्ट ने जेट एयरवेज और मेक माय ट्रिप को जबलपुर में ही सुनवाई करने के लिए बुलवाया.

प्रकाश उपाध्याय की ओर से यह तर्क दिया गया कि जिस फ्लाइट में जेट एयरवेज जगह उपलब्ध नहीं होने की बात कह रहा था. फिर दोगुने दामों में उसी फ्लाइट की टिकट कैसे दी गई. कोर्ट को यह बात समझ में आई.

लुभावने पैकेज परेशानी का सबब
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात और स्पष्ट हुई है कि लुभावने पैकेज में सस्ती दरों पर हवाई जहाजों की सीट पहले बुक करवा दी जाती हैं. अगर दूसरी बुकिंग नहीं मिलती, तो यात्रियों को इन्हीं सीटों पर यात्रा करने के लिए कह दिया जाता है. वहीं अगर सीट की महंगी बुकिंग मिल जाती हैं, तो कई हवाई सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी पहले से सस्ती दरों में बुक सीटों पर यात्रियों को यात्रा करने के लिए मना कर देती हैं. उन्हें अल्टरनेट फ्लाइट दी जाती हैं. यह कई विमान कंपनियां करती हैं.

प्रकाश उपाध्याय का मामला 2013 में जबलपुर जिला उपभोक्ता फोरम में दायर हुआ था. उन्हें 2019 में न्याय मिला. हालांकि अब तक विमान कंपनियों ने प्रकाश उपाध्याय को पैसे नहीं दिए है, लेकिन प्रकाश उपाध्याय का कहना है कि उनकी जीत हुई है. अगर विमान कंपनियां पैसा नहीं देती हैं, तो कानून में इस बात का प्रावधान है कि कंपनी के डायरेक्टर जेल जा सकते हैं.

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