जबलपुर। कश्मीरी पंडितों के कश्मीर में पुनर्वास को लेकर लगातार सक्रिय कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कानून का पूरा ड्राफ्ट बनाकर राज्यसभा में पेश किया है. इसमें कश्मीरी पंडितों के सामाजिक और राजनैतिक पुनर्वास के प्रावधान किए गए हैं. इसके साथ ही कश्मीर में मंदिरों का जीर्णोद्धार करने और कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा और मुआवज़ा देने का प्रावधान हैं. बिल की सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें कश्मीरी पंडितों के जैनोसाइड की जांच के लिए आयोग बनाने का प्रावधान किया गया है. बिल में जांच आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की सदस्यता के साथ करने की मांग की गई है.
राज्यसभा में हो सकती है बिल पर बहस :इस बिल को लेकर अब राज्यसभा के सभापति को बहस करवानी होगी. ये बिल अगर राज्यसभा और लोकसभा यानि संसद के दोनों सदनों से पास हो जाता है तो कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए कानून बन जाएगा. इधर, सियासी चश्मे से देखें तो विवेक तन्खा द्वारा पेश ये बिल कांग्रेस का ट्रंप कार्ड भी माना जा रहा है. क्योंकि संसद में बहुमत में मौजूद भाजपा अगर इस बिल को कानून बनाने का समर्थन नहीं करती है तो कश्मीरी पंडितों के गर्माए मुद्दे पर वो खुद कठघरे में होगी. राजनीति के जानकार बताते हैं कि कांग्रेस ने यह बिल पेश कर भाजपा को दुविधा में डाल दिया है.