जबलपुर। 2008 से लगातार विधायक रही पूर्व मंत्री इमारती देवी उपचुनाव में हार गईं, हार का दुख अचानक उनकी जुबान पर आ गया. ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी बदल दी, इसलिए उपचुनाव हार गई. उनके इस दर्ज पर कांग्रेस ने मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़क दिया. प्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने कहा कि सिर्फ इमारती देवी (congress comment on imarti devi defeat statement) ही नहीं वो सभी लोग जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर कांग्रेस छोड़कर गए थे, अब उन्हें गलतीं का एहसास होने लगा है.
पूर्व मंत्री इमरती देवी के दर्द पर कांग्रेस ने छिड़का नमक पार्टी बदल ली इसलिए उपचुनाव हार गए, इमरती देवी के बयान से चढ़ा सियासी पारा
क्षमताओं का मूल्यांकन नहीं करती भाजपा
किस नेता की कितनी कार्य क्षमता है, यह मूल्यांकन कभी भी भारतीय जनता पार्टी नहीं करती है, यही वजह है कि अब वह तमाम नेता जोकि ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia supporter imarati devi) के कहने पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे, उन्हें यह एहसास होने लगा है. जिसका उदाहरण इमरती देवी का बयान है. कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले सभी नेताओं को उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा है. कांग्रेस छोड़कर जाने वाले अब स्वीकार कर रहे हैं कि कांग्रेस में ही उनका भविष्य है.
राकेश राणा के निलबन पर कांग्रेस का तंज
पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर भाजपा सरकार में एक पुलिसकर्मी के मूंछ रखने पर प्रतिबंध लगाया गया, नहीं मानने पर निलंबित किया गया तो यह बड़ी विचित्र बात है क्योंकि पूर्वजों से सुना था कि जिसकी जितनी लंबी मूंछ होती है, वह उतना ही बड़ा मर्द होता है. भोपाल में पदस्थ एसएएफ जवान राकेश राणा की अभिनंदन वर्थमान वाली स्टाइल में मूंछें रखना वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अच्छी नहीं लगी तो उसने मूंछें काटने के लिए कहा, लेकिन पुलिसकर्मी ने मना कर दिया. जिस पर उसे निलंबित कर दिया गया. हालांकि, अब गृह मंत्रालय ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब किया है.
डेंगू से नहीं लड़ पाई सरकार तो कोरोना से क्या लड़ेगी
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया ने कहा कि कोरोना की पहली लहर जब आई थी, तब भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था, दूसरी लहर में भी सैकड़ों की मौत हुई. वैक्सीन भी लगाई गई, इस दौरान वैक्सीन को विदेश भी भेजा गया और अब जबकि कोरोना की तीसरी लहर आ गई है तो सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. कोरोना ने इंसान को नहीं बल्कि इंसानियत मार दिया है, ऐसे में सरकार कोरोना से कैसे लड़ेगी, जबकि डेंगू से नहीं लड़ पाई थी.