जबलपुर। मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में हुए अंक घोटाले आर्थिक अनियमिकताओं की निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस के. के. त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गयी है. कमेटी एक महीने में जांच पूरी करेगी. सरकार ने ये जानकारी हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मथिमल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष पेश की गयी. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई नवम्बर के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की है.
अंक घोटाले की जांच के लिए बनी कमेटी
मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में हुई अंक घोटाले,आर्थिक अनियमिकताओं और भ्रष्टाचार को चुनौती देते हुए तीन जनहित याचिकाएं दायर की गयी थी. मेडिकल विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा हटाने जाने के खिलाफ तीन अधिकारियों और निलंबित किये जाने के खिलाफ माइंड लॉजिक कंपनी ने याचिका दायर की थी. इसके अलावा तत्कालीन प्रभावी कुलसचिव के खिलाफ राज्य सरकार की तरफ से याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि सरकार के आदेश में तत्कारी प्रभारी कुलसचित डॉ जे के गुप्ता ने जांच की थी. जांच में पाया गया था कि परीक्षा के आयोजन तथा मार्कशीट तैयार करने वाली ठेका कंपनी माइंट लॉजिट इंफ्रो ने परीक्षार्थियों के नम्बर में फेरबदल किया है. इसके अलावा छात्रों का डेटा एमयू की ऑफिशियल साइट नहीं, बल्कि निजी साइट में तैयार किया गया था. जांच के बाद कंपनी को निलंबित कर दिया गया है.
सरकारी कमेटी की जांच को निरस्त किया