जबलपुर। मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अधिवेशन में सीएम कमलनाथ शामिल हुये. इस दौरान उन्होंने न्याय को लेकतंत्र की मजबूती का सबसे बड़ा आधार बताया. उन्होंने कहा सबको अगर समय पर न्याय मिलेगा तो लोकतंत्र मजबूत होगा. अधिवेशन के शुभारंभ अवसर पर उन्होंने तीन दिसंबर को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाने की बता भी कही.
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश एसके सेठ ने की. जिसमें विशिष्ठ अतिथि के रूप में विधि और जसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा मौजूद रहे. कार्यक्रम में करीब 750 से अधिक जज शामिल हुये थे. यहां सीएम कलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार न्यायिक व्यवस्था को सभी आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करवाने में तत्पर रहेगी. मुख्यमंत्री ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को दुनिया के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि विविधता से परिपूर्ण देश की न्याय व्यवस्था ही लोकतंत्र को संरक्षित कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता और समानता की सीमाएं हैं, लेकिन न्याय असीमित है. वहीं इस अधिवेशन में मौजूद रहे मुख्य न्यायाधीश एसके सेठ ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद मध्यप्रदेश में न्यायिक अधिकारी सराहनीय काम कर रहे हैं. उन्होंने मेडिको लीगल प्रकरण मुकदमों एवं लंबित मामलों की बढ़ती संख्या का भी जिक्र किया. कार्यक्रम में पहुंचे जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने पुलवामा में शहीद हुए जबलपुर जिले के अश्विनी कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की.
'आधुनिकरण पर विशेष ध्यान देगी सरकार'
मंत्री शर्मा ने कहा कि जबलपुर को ऐसे ही संस्कारधानी नहीं कहा जाता. यहां से पूरे प्रदेश में संस्कार का संचार होता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाकौशल क्षेत्र से विशेष लगाव है, यही कारण है कि पहली बार राजधानी के बाहर जबलपुर में कैबिनेट की बैठक रखी गई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार वचन पत्र के मुताबिक न्याय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास और लोगों के आधुनिकरण पर विशेष ध्यान देगी.