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MP PDS चावल घोटाला: HC में नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की याचिका, CBI जांच की मांग

मध्यप्रदेश में PDS चावल घोटाले को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है.

High Court
हाईकोर्ट

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Published : Sep 9, 2020, 5:55 PM IST

जबलपुर।मध्यप्रदेश PDS चावल घोटाला का मामला अब तूल पकड़ चुका है. इस मामले में अब तक की जांच में कई अहम खुलासे हो चुके हैं. माना जा रहा है कि इस घोटाले में कई बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं. ऐसे में नागरिक उपभोक्ता मंच ने चावल घोटाले की जांच CBI से कराने की मांग की है.

नागरिक उपभोक्ता मंच ने दायर की याचिका
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
CBI जांच की मांग को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि चावल घोटाले मामले में EOW की बजाय CBI से जांच करवाई जाए क्योंकि, अब यह मामला सिर्फ जबलपुर, मध्यप्रदेश का नहीं बल्कि अंतरराज्यीय मुद्दा बन चुका है. मंच ने इस मामले में बड़े फर्जीवाड़े की आशंका जाहिर की है. याचिका में दलील दी गई है कि PDS में अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. इसके खुलासे के लिए CBI द्वारा ही जांच होनी चाहिए. नागरिक उपभोक्ता मंच ने जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की याचिका में कहा, इस फर्जीवाड़े के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं. याचिका दायर होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में जल्द ही इस पर सुनवाई हो सकती है. बता दें, मामले की जांच फिलहाल EOW कर रही है. वहीं EOW ने इस मामले में FIR भी दर्ज की है. साथ ही राज्य सरकार ने दो अफसरों को निलंबित भी किया है.
जानें मामला-

-केंद्रीय जांच टीम द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच में मंडला और बालाघाट जिले के वेयरहाउस में PDS के लिए रखे गए चावलों को गुणवत्ताहीन पाया गया था.

  • -कृषि भवन नई दिल्ली ने जब केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी, तब केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के सभी सार्वजनिक वितरण केंद्रों के चावल बांटने पर रोक लगा दी.
  • -केंद्रीय उपायुक्त की टीम ने मंडला और बालाघाट जिले की PDS की दुकानों से 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 नमूने लिए थे. इनकी जांच कृषि भवन नई दिल्ली स्थित सेंट्रल लैब में कराई गई.
  • -केंद्रीय समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य करार दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की थी.

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