जबलपुर। जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल ने बंदियों को हुनर सीखाने के लिए अनोखी पहल की शुरुआत की हैं. जिसके तहत जेल में बंद सजायाफ्ता बंदी दीपावली के त्यौहार के लिए आकर्षक दिए और मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं. पूरा जेल प्रशासन इनमें उनकी मदद कर रहा है. जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी इन दिनों
मिट्टी के दीए और दिवाली पर पूजे जाने वाले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियां बनाने में जुटे है.
जबलपुर सेंट्रल जेल में कैदी बना रहे मां लक्ष्मी की मूर्ति मध्यप्रदेश स्थापना दिवस: विविधताओं से लबरेज है देश का दिल, दिखती है संपूर्ण भारत की झलक
कैदी बना रहे इको फ्रेंडली मूर्ति
खास बात तो ये हैं कि ये दीए और मूर्तियां पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं. जिन्हें बनाने के लिए गोबर और मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है. बंदियों द्वारा बनाए जा रहे इन दीयों और मूर्तियों को आम जनता के लिए बाजार में भी उपलब्ध किया जाएगा. ताकि इनकी बिक्री से जो पैसा आए वो इन बंदियों के काम आ सके. सेंट्रल जेल के अधीक्षक का कहना है कि वोकल फोर लोकल के तहत पहले जेल के ऐसे बंदियों को चुना गया जो कुम्हार का काम जानते हैं, फिर उन्हें दूसरे बंदियों को प्रशिक्षित करने का काम दिया गया आज दर्जनभर से ज्यादा कैदी इस काम में लगे हुए हैं.
बदल जाता है जेल का माहौल
जेल प्रशाासन का कहना है कि इससे एक ओर जहां कैदियों के नये हुनर सीखने का मौका मिलता है, वही त्योहार से पहले जेल का माहौल बदल जाता है. जेल प्रशासन की कोशिश होती है कि पर्व-त्योहारों में कैदियों को इनसे जुड़े काम में लगाया जाए. वहीं इन मूर्तियों और दीयों को जेल की कैंटिन में भी डिस्प्ले में रखा जाएगा. यहां के स्टाफ में भी ये बांटे जाएंगे.