जबलपुर।भारत के महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में डायल 100 की भारी लेटलतीफी रहती है. मध्यप्रदेश में बीते 4 सालों में 2.5 लाख सूचनाओं में डायल 100 देर से घटनास्थल पर पहुंची है. मध्यप्रदेश सरकार ने करीब 632 करोड़ रुपये की लागत से डायल 100 (एफआरवी) योजना शुरू की थी, जो कि फ्लॉप साबित हुई है. (mp police dial 100)
2.5 लाख घटनाओं में हुई देरीः कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने का दावा करने वाली एफआरवी 2016 से 2019 के बीच हुई 2.5 लाख घटनाओं में विलंब से मौके पर पहुंची है. भारत के महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट ने डायल 100 की पोल खोल कर रख दी है. जानकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 10 मिनट तो ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट के भीतर एफआरवी वाहन को पहुंचना होता है. कैग की रिपोर्ट के अनुसार डायल 100 पूरे प्रदेश में कहीं भी समय सीमा का पालन नहीं कर पाई है. (cag report on mp police dial 100)
2016 से 2019 के बीच ऐसा रहा रेस्पॉन्सःएफआरवी वाहन का मौके पर पहुंचने का रेस्पॉन्स समय शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही खराब रहा है. डायल 100 कहीं से भी समय सीमा का पालन नहीं कर पाई है. 2016 से 2019 के बीच शहरी क्षेत्र में एफआरवी 10 मिनट के जगह 24 मिनट में पहुंची, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के स्थान पर उसे आते-आते 56 मिनट तक लग गए. महिला संबंधित अपराधों में एफआरवी की स्थिति और खराब रही है. 2016 से 2019 के बीच घरेलू हिंसा, महिला अपहरण, बलात्कार, बलात्कार के प्रयास और पारिवारिक विवाद की घटना में 48 फीसदी बार डायल 100 देरी से मौके पर पहुंची. (mp police)
हम पहुंचते हैं तुरंत मौके परःऐसा नहीं है कि पूरे प्रदेश में एफआरवी की लेटलतीफी की स्थिति बनी हुई है. कई जगह जल्दी भी एफआरवी पहुंची है. डायल 100 में तैनात पुलिसकर्मी बताते हैं कि जैसे ही उन्हें भोपाल से सूचना मिलती है, वह मौके पर पहुंच शिकायत का निराकरण करते हैं. कई मर्तबा ट्रैफिक के कारण विलंब जरूर हो जाता है, पर कोशिश की जाती है कि जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचा जाए.