जबलपुर। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में म्यूकर माइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस नाम की बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. बात प्रदेश की करे तो भोपाल, इंदौर के साथ ही जबलपुर में भी इस बीमारी की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. क्योंकि ब्लैक फंगस की दस्तक के साथ ही इस बीमारी से मौत के मामले भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में बीमारी से जूझने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई तरह के प्रयास कर रहा है.
प्रतिरोधक तंत्र हो जाता है कमजोर
यह बीमारी कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा अटैक कर रही है. क्योंकि डॉ. अमित खरे की मेडिकल रिसर्च में यह जानकारी सामने आई है कि जो लोग डायबिटीज बीमारी से पीड़ित हैं और वह कोरोना संक्रमित हैं या हुए हैं. इस दौरान उनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर हो जाता है, यही वजह है कि ऐसे मरीजों को स्टेरॉयड देना पड़ता है जिसके चलते शरीर के अंदर ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और देखते ही देखते स्टेरॉयड की ज्यादा मात्रा बढ़ते ही शरीर का प्रतिरोधक तंत्र भी कम होने लगता है, जिससे फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है. यही वजह है कि जिन कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड दी जा रही है, उनमें ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है.
क्षतिग्रस्त हो सकता है मस्तिष्क
फंगस को गले मे ही शरीर की एक बड़ी कैरोटिड आर्टरी एथ्रोस्केलेरोसिस मिल जाती है. आर्टरी का एक हिस्सा आंख में रक्त पहुंचाती है. फंगस रक्त में मिलकर आंख तक पहुंचता है. इसी कारण ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की आंख निकालने के मामले सामने आ रहे हैं. अब हर दिन बढ़ रहे हैं, मामले गंभीर मामलों में मस्तिष्क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है. म्यूकर माइकोसिस एक अलग तरह का फंगस है. ये रक्त वाहिकाओं में छेद करने की क्षमता रखता है. शरीर में प्रवेश के साथ ही ये रक्त वाहिकाओं में पहुंचने के लिए उसे नुकसान पहुंचाता है.