जबलपुर। मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अजय विश्नोई ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में काबिल शिक्षक नहीं हैं और स्कूलों में भी बुनियादी जरूरतों का भारी अभाव है. इसलिए नई शिक्षा नीति लागू करने से पहले राज्य सरकार को पहले बुनियादी जरूरतों को सुधार लेना चाहिए, इसके बाद ही नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करना चाहिए.
अजय विश्नोई की राज्य सरकार को सलाह, कहा- नई शिक्षा नीति से पहले बुनियादी जरूरतों में हो सुधार - स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने राज्य सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि प्रदेश में नई नीति लागू करने से पहले बुनियादी जरूरतों को सुधार लेना चाहिए.
![अजय विश्नोई की राज्य सरकार को सलाह, कहा- नई शिक्षा नीति से पहले बुनियादी जरूरतों में हो सुधार BJP MLA Ajay Vishnoi](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8337760-thumbnail-3x2-img.jpg)
इस संदर्भ में अजय विश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा है की केंद्र सरकार को टेक्स्ट बुक के लिए एक रेगुलेटरी कमीशन बनाना चाहिए, जो स्कूलों में चलने वाली टेक्स्ट बुक को जांचने के बाद इस बात की अनुमति दें, ये पुस्तक पढ़ाई जा सकती है या नहीं. अजय विश्नोई का आरोप है कि अभी स्कूलों में खास तौर पर सीबीएसई के स्कूलों में जो पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं, उनके कंटेंट पर कोई काम नहीं किया जाता और स्कूल अपने मन से पुस्तकें लागू कर देते हैं.
अजय विश्नोई भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं. उसके बाद भी उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ सच्चाई बयान करने की कोशिश की है. सामान्य तौर पर राजनीति में ऐसा नहीं होता, लेकिन उन्होंने जिस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार का ध्यान खींचा है. वो बहुत गंभीर और जरूरी मुद्दा है. इस पर राज्य और केंद्र को विचार करना चाहिए और शिक्षा नीति में कुछ बुनियादी बदलाव करने चाहिए.