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बीजेपी ने 26 जून को 'आपातकाल का काला दिवस' के रूप में मनाया

जबलपुर के बीजेपी कार्यालय में 26 जून यानी इमरजेंसी की घोषणा के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया. इस दौरान पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, सांसद राकेश सिंह समेत तमाम सीनियर नेता मौजूद रहे.

BJP office
बीजेपी कार्यालय

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Published : Jun 26, 2020, 9:51 PM IST

जबलपुर।जबलपुर में आज भारतीय जनता पार्टी के संभागीय कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने आपातकाल को काला दिवस के रूप में याद किया.इस कार्यक्रम में बीजेपी नेता समेत कई मीसाबंदी शामिल हुए. बता दें मीसाबंदियों में अजय विश्नोई और शरद जैन भी शामिल हैं. कार्यक्रम में स्थानीय सांसद राकेश सिंह भी मौजूद रहे.

पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने बताया कि अपने ऊपर आई कानूनी और वैधानिक आपत्ति के चलते पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगवाया था. दरअसल 12 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव पर आपत्ति जताई थी, ऐसे में अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश में आपातकाल लगवा दिया था. विरोध करने वाले जनसंघ के कार्यकर्ताओं को धोखे से जेल ले जाकर बंद करवाया गया. इतना ही नहीं लोकतंत्र का गला घोंटते हुए 19 से 20 महीने तक चले इस आपातकाल में प्रेस और कोर्ट को भी दबाया गया. उस समय को कहा जाता था कि नो-अपील-नो दलील और नो वकील.

पूर्व मंत्री अजय विश्वनोई और सांसद राकेश सिंह

पूर्व मंत्री ने कहा कि इमरजेंसी के समय सरकार के आगे हाईकोर्ट तक मौन हो गया था. इसके बाद चुनाव में जो परिणाम आए उससे ये समझ में आ गया कि अगर कोई इस समय जाग रहा था तो वह थी देश की जनता. चुनाव परिणाम आए और इंदिरा गांधी चुनाव हार गईं.

बीजेपी नेता

सांसद राकेश सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए बल्कि कांग्रेस और उनके एक परिवार ने जनता पर जबरन इंदिरा गांधी का नेतृत्व थोपने के लिए आपातकाल जैसा काला कानून देश पर लगवाया था. इस आपातकाल में लाखों परिवार बर्बाद हो गए थे, न जाने कितने लोगों की जिंदगी छिन गई.वो सिर्फ इसलिए कि इंदिरा गांधी सत्ता पर बनीं रहें,लेकिन हमारा देश लोकतांत्रिक देश है बाद में जो चुनाव हुआ तो इंदिरा गांधी हार गईं.

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