जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) मामलें में मॉनिटरिंग कमेटी ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर बताया कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (Bhopal Memorial Hospital and Research Center) में कैंसर का उपचार (Cancer Treatment) उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण कैंसर पीड़ितों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने बताया कि कैंसर पीड़ित मरीजों का उपचार के संबंध में एम्स से चर्चा जारी है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला युगलपीठ ने सरकार को एम्स में कैंसर पीड़ितों के उपचार के संबंध में जानकारी पेश करने के आदेश दिए है.
भोपाल गैस त्रासदी मामले में SC ने गठित की थी कमेटी
दरअसल सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य ने दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस कांड पीड़ितों के उपचार और पुनार्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे. इन निर्देशों का पालन करवाने के लिए कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने के निर्देश भी जारी किए थे. यह मॉनिटरिंग कमेटी प्रत्येक तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करती है और रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट के जो आदेश होते थे उस संबंध में राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करती है.
हाईकोर्ट में दायर की अवमानना याचिका
मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का राज्य सरकार पालन नहीं कर रही थी. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई. अवमानना याचिका में कहा गया था कि सर्वाेच्चय न्यायालय के आदेशों का पालन केंद्र और राज्य सरकार नहीं कर रही है. गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने है. इसके अलावा अस्पतालों में अवश्यकता अनुसार उपकरण उपलब्ध नहीं है.
गैस पीड़ितों को समर्पित BMHRC में नहीं हो रहा ट्रीटमेंट, 350 बैड के अस्पताल 35 भर्ती
पीड़ितों को निजी खर्च पर करवाना पड़ रहा इलाज