जबलपुर। शासकीय डॉक्टरों को लाइसेंस की अनिर्वायता वाले उपकरणों के साथ निजी प्रैक्टिस करने पर लगायी गयी रोक को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में जारी आदेश पर रोक लगा दी है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति के लिए गठित स्पेशल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर प्रमुख सचिव उक्त आदेश का निर्णय लेकर न्यायालय को अवगत करवायें. याचिका पर अगली सुनवाई नौ अगस्त निर्धारित की गयी है.
2013 के आदेश को हाईकोर्ट में दी चुनौती
याचिकाकर्ता डॉ. राकेश कुमार तथा डॉ. स्मिता की तरफ से दायर याचिका में सरकार द्वारा अगस्त 2013 तथा फरवरी 2017 में पारित उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत शासकीय डॉक्टर के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गयी थी. शासकीय डॉक्टर घर पर सिर्फ उन उपकरणों के साथ मरीजों को देख सकते थे, जिनके उपयोग के लिए पृथक लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है.
प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए साल 2017 में किया आवेदन
डॉ. राकेश कुमार की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि 7 अगस्त 2013 को जारी आदेश पर प्रमुख सचिव स्वास्थ व परिवार कल्याण ने 11 अगस्त 2013 को रोक लगा दी थी. नये आदेश में निजी प्रैक्टिस की अनुमति के लिए स्पेशल कमेटी गठित करने के निर्देश दिये थे. उन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए साल 2017 में आवेदन किया था, जिसके बाद सरकार द्वारा 7 अगस्त 2013 को लागू आदेश प्रभावी कर दिया गया.