जबलपुर।एमपी हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल धगट्ट ने दोनों आरोपियों को सशर्त जमानत दी. जबलपुर के राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के प्रबंधन ने समीप स्थित वेगा होटल में आयुष्मान कार्डधारियों को उपचार के लिए भर्ती कर रखा था. इसकी सूचना मिलने पर स्वास्थ विभाग तथा पुलिस टीम ने पिछले साल 26 अगस्त को होटल पर दबिश दी थी.
एक पलंग पर दो मरीज:बैगा होटल में आयुष्मान कार्डधारियों को उपचार के लिए भर्ती कर रखा था. सूचना पर स्वास्थ विभाग तथा पुलिस टीम ने 26 अगस्त को दबिश दी थी. छापे के दौरान वैगा होटल में एक पलंग में दो-दो मरीज भर्ती पाए गए थे. पुलिस ने अस्पताल संचालिका दुलिता पाठक तथा उनके पति डॉ. अश्विनी पाठक के अलावा मैनेजर कमलेश मेहता के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. हाईकोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान डॉक्टर व मैनेजर के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल 150 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस ने प्रकरण में चालान पेश कर दिया है। याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को जमानत दे दी।
अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित:सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में कहा गया है कि, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पद पर महाधिवक्ता को निुयक्त किया जा सकता है. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की है.
रिट पिटीशन की सुनवाई में फास्ट ट्रैक:अधारताल निवासी ज्ञानप्रकाश की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि, राज्य सरकार द्वारा नियमों की अनदेखी करके डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर नियुक्ति नहीं की जा रही जो अवैधानिक है. पूर्व में राज्य सरकार द्वारा एक आईएएस की नियुक्ति इंचार्ज डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर किए जाने को भी याचिकाकर्ता ने कटघरे में रखा था. याचिका में हाईकोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश केस फ्लो मैनेजमेंट रूल्स 2006 का हवाला देते हुए कहा गया था कि रिट पिटीशनों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक और नॉर्मल ट्रैक बनाए गए हैं.