जबलपुर। मध्यप्रदेश में अवैध और बिना परमिट के ऑटो धड़ल्ले से चल रहे हैं. इस दौरान कई बार यह ऑटो लोगों की जान के दुश्मन तक बन जाते हैं, लिहाजा इसको लेकर 2013 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी (PIL filed in mp hc in 2013) याचिका को लगे हुए करीब 8 साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है बावजूद इसके अवैध ऑटो पर परिवहन विभाग और पुलिस लगाम लगाने में नाकाम साबित हुआ. जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका को पुनः संज्ञान में लिया और परिवहन विभाग और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है.
बिना परमिट धड़ल्ले से चल रहे हैं ऑटो, अब चालान नहीं कटेगा, सीधे कोर्ट जाएगा मामला - हाई कोर्ट में उपस्थित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
मध्य प्रदेश में बिना परमिट धडल्ले से ऑटो चलाए जा रहे हैं (Auto running without permit). जिसपर हाई कोर्ट ने एक बार फिर संज्ञान लिया है. अवैध ऑटो का संचालन रोकने में नाकाम रहने पर कोर्ट ने परिवहन विभाग, पुलिस और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई.
हाई कोर्ट में उपस्थित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
अवैध और बिना परमिट के प्रदेश की सड़कों पर फर्राटे से दौड़ रहे ऑटो को लेकर जैसे ही हाईकोर्ट की फटकार के बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कोर्ट में मौजूद रहे. इस दौरान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन ने कहा कि हाईकोर्ट के सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों में बिना परमिट और अवैध ऑटो किसी भी कीमत में नहीं चलने देंगे, बिना परमिट और अवैध ऑटो के लिए हमारा परिवहन विभाग और पुलिस का अमला सख्ती से कार्रवाई कर रहा है.
अब न्यायालय से ही होगा निराकरण (action taken court itself)
अभी तक सड़कों पर दौड़ रहे जो भी ऑटो बिना परमिट के होते थे उन पर पुलिस चालान करती थी, पर अब जो भी बिना परमिट या अवैध ऑटो पकड़ा जाएगा उस पर चालान न काटकर मामले का निराकरण कोर्ट से ही किया जाएगा . ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम एनजीटी के निर्देशों का भी पालन कर रहे हैं ऐसे में जो भी बिना पीयूसी के बसें या अन्य वाहन चलते हुए मिलेंगे तो उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.