जबलपुर। दुर्गा उत्सव में भले ही अभी कुछ दिन बाकी हो, लेकिन देशभर में इसकी रौनक अभी से दिखने लगी है. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी मूर्ति तैयार करने का काम शुरू हो गया है और मूर्तिकार अब मूर्तियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.
जबलपुर में भी मूर्तियों को अलग-अलग रंगों से सजाने का काम जोरों पर है. जैसे-जैसे शारदीय नवरात्र की तिथि नजदीक आ रही है, जिले में दुर्गा पूजा की तैयारी भी तेज हो गई हैं. देवी प्रतिमाओं के निर्माण की गति भी तेज हो गई है.
दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे कलाकार कई मूर्तिकारों के यहां तो अब रंग-रोगन भी शुरू हो गया है. पंडाल आदि के निर्माण की प्रक्रिया में भी तेजी दिखाई देने लगी है. दुर्गा पूजा को लेकर प्रशासन की भूमिका भी अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है. खास तौर पर जब से कोर्ट के निर्देश पर नदियों में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाई गई है, उसके बाद से अब देवी प्रतिमाओं का विसर्जन कुंडों में कराया जाने लगा है. ऐसे में वो कुंड जहां प्रतिमाओं का विसर्जन होता है, उन्हें दुरुस्त करने का दायित्व प्रशासन पर होता है.
मूर्तिकार का कहना है कि कोरोना काल में गणेश उत्सव में बड़ी प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लग गया था, जिसके करण मूर्तिकारों को काफी तंगी से गुजरना पड़ा था, लेकिन नवरात्रि में प्रदेश सरकार के आदेश के बाद मूर्तिकारों के चेहरे पर रौनक देखने को मिल रही है. वहीं मूर्तिकारों का कहना है कि इस बार 11 फीट तक की मूर्ति वो बना सकते हैं, जिससे अब उनको आर्थिक तंगी से नहीं गुजरना पड़ेगा और उनका घर परिवार अच्छे से चल सकेगा.