जबलपुर।केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने जबलपुर के तेवर गांव में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की एक नई साइट की खुदाई शुरू करवाई. 1000 साल पुराने शहर की खोज की.
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने शुरू की खुदाई जबलपुर से भेड़ाघाट रोड पर 6 किलोमीटर दूर तेवर नाम का एक गांव है. इस गांव में पुरातत्व महत्व की कई चीजें मिट्टी के नीचे दफन पड़ी हुई है. ऐसा माना जाता है कि आज से लगभग 1000 साल पहले यह एक समृद्ध शहर रहा होगा. क्योंकि यहां कई बड़े महल नक्काशी की हुई जैन हिंदू और बौद्ध धर्म की मूर्तियां बिखरी पड़ी हुई है. अभी तक इस पूरे इलाके में खुदाई नहीं की गई थी.
यहां पर पुरातत्व विभाग की लगभग 11 एकड़ जमीन है. जिसके नीचे यह संभावना जताई जा रही है कि कलचुरी काल की कई मंदिर सुंदर इमारतें और मूर्तियां यहां दफन है. अब इन्हें खोदकर निकाला जाएगा. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने यहां पर कैंप बना लिया है. इसकी खुदाई शुरू कर दी गई है. प्रहलाद पटेल ने विधिवत पूजा अर्चना के बाद खुदाई शुरू करवाई है.
सदियों पुराना मंच
दरअसल जिस शहर की कल्पना की जा रही है. उसका विस्तार लगभग 6 किलोमीटर इलाके में रहा होगा. क्योंकि तेवर गांव से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर जंगल के बीच में एक मंच बना हुआ नजर आता है. जिसमें बेहतरीन नक्काशी की हुई पिल्लर है. आसपास कई टूटी हुई मूर्तियां पड़ी है. यही एक आधी बनी इमारत का हिस्सा भी मिट्टी में दबा हुआ नजर आता है. जिस पर पुरातत्व विभाग का दावा है कि यहां एक पूरी इमारत होनी चाहिए और यह दावा भी किया जा रहा है कि यह संभवत दुनिया का पहला मंच रहा होगा. इसी मंच से थोड़ी दूरी पर त्रिपुर सुंदरी का मंदिर है. इस मंदिर में विराजमान मूर्ति भी सदियों पुरानी है.
पर्यटकों के लिए नया क्षेत्र
खुदाई 3 साल तक चलेगी और यह पूरा इलाका पर्यटन के नजरिए से एक नया इलाका बनेगा. क्योंकि अभी जबलपुर आने वाला पर्यटक सीधे भेड़ाघाट जाता है. भेड़ाघाट का चौसठ योगिनी मंदिर त्रिपुर सुंदरी का मंदिर तेवर गांव के मंदिर और इसके अलावा इस पूरे इलाके में फैली हुई मूर्तियों को जोड़कर एक म्यूजियम बनाने की भी तैयारी की जा रही है. यह म्यूजियम इसी इलाके में बनाया जाएगा ताकि यहां आने वाला पर्यटक इसे अपनी मौलिक स्थिति में देख सके.
जबलपुर और इसके आसपास के इतिहास पर बहुत कम लिखा गया है लेकिन इस नई खुदाई के बाद जबलपुर और उसके आसपास के एक समृद्ध इतिहास की नए सिरे से लिखावट की जाएगी हो सकता है कि इस खुदाई में कुछ ऐसा मिल जाए जो ना पहले कभी सुना गया हो और ना देखा गया हो.