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जबलपुर में भी वायु प्रदूषण की दस्तक!, सब ठीक होने का दावा कर रहा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

देश की राजधानी दिल्ली के बाद वायु प्रदूषण दूसरे राज्यों में भी चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है. मध्यप्रदेश के जबलपुर में भी इसका असर दिख रहा है. यहां के लोग मानते हैं कि धीरे-धीरे जबलपुर की फिजाओं में भी जहरीली हवा घुल रही है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा है कि जबलपुर की स्थिति ठीक है.

जबलपुर

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Published : Nov 6, 2019, 1:44 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 12:06 AM IST

जबलपुर।देश की राजधानी दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश में भी वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर जैसे बड़े शहर इसकी चपेट में भी हैं, जिसका खुलासा अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी की शोध संस्था द्वारा तैयार किए गए वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक में हुआ है.

जबलपुर में भी वायु प्रदूषण की दस्तक

वायु प्रदूषण का असर अब जबलपुर में भी दिख रहा है. शहर के कई इलाकों में उठती धूल साफ दिखाई देती है, जो फिजाओं में घुलकर लोगों के लिए लगातार खतरा बन रही है. इससे स्थानीय रहवासी भी चिंतित हैं. उनका मानना है कि दिवाली के बाद जबलपुर में भी वायु प्रदूषण बढ़ा है. स्थानीय रहवासियों का कहना है कि जल्द ही इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो हालात और बदतर हो जाएंगे.

दिल्ली और इंदौर की अपेक्षा जबलपुर की हालत ठीक

शाम ढलते ही जबलपुर के कई इलाकों में न केवल सांस लेने में बढ़ते वायु प्रदूषण की धमक साफ नजर आती है, बल्कि आखों में जलन और उनका लाल होना भी आम हो गया है. हालत ये है कि शाम होते ही जबलपुर में धूल और धुएं की धुंध छा जाती है. हालांकि जबलपुर के हालात दिल्ली और इंदौर की अपेक्षा ठीक है. लोगों ने सरकार से मांग करते हुए इसे कम करने के लिए कुछ विकल्प भी सुझाए हैं.

शहर में दो मशीन

शहर में सिर्फ दो जगहों पर वायु प्रदूषण नापने की मशीनें लगी हैं. इन मशीनों में आने वाले डाटा के अनुसार जबलपुर की आबोहवा की स्थिति बहुत अच्छी है. स्थानीय लोगों की आपत्ति को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सिरे से नकार रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि शहर में सोमवार और बुधवार को वायुमापन का काम किया जाता है, जिसकी 24 घंटे मॉनीटरिंग की जाती है.

जनभागीदारी से मिलेगी निजात

अधिकारियों के मुताबिक जबलपुर में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन स्थानीय लोग कहते हैं कि उन्हें पॉल्यूशन की वजह से दिक्कतें होने लगी हैं. शहर में धूल और धुआं बेहद ज्यादा है, जिससे सांस की समस्या और आंखों में जलन भी होती है. उन्होंने कहा कि सरकार और जनभागीदारी दोनों से इस समस्या से निजात मिल सकती है.

83 हजार लोगों की मौत

प्रदूषण के कारण मोतियाबिंद, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक डायबिटीज और लंग कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं. इसके कारण बड़ी संख्या में लोग अस्पताल भी पहुंच रहे हैं, मेडिकल जनरल 'द लेजेंड' के एक आंकड़े के मुताबिक 2017 में मध्यप्रदेश के करीब 83 हजार लोगों की जान वायु प्रदूषण के कारण जा चुकी है.

Last Updated : Nov 7, 2019, 12:06 AM IST

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