जबलपुर।कोविड 19 गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले लोगों पर जिला प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई की है. जिला प्रशासन ने एक लाख 16 हजार लोगों से एक करोड़ 29 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना गाइडलाइन के प्रोटोकॉल को तोड़ने वाले अधिरकारियों पर प्रशासन का लचीला रवैया नजर आया, जिनमें एक नाम नगर निगम के रिटायर्ड अधिकारी राकेश अयाची का है. जिनकी वजह से 180 लोगों को कोरोना हुआ, लेकिन उनपर कार्रवाई नहीं की गई. अधिकारी को बचाने के चलते हाईकोर्ट ने प्रशासन पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है.
कोरोना गाइलाइन तोड़ने वालों से प्रशासन ने वसूला जुर्माना वसूला एक करोड़ 29 लाख का जुर्माना
डिप्टी कलेक्टर दीपा गुप्ता का कहना है कि, मास्क ना लगाने वाले और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने वाले लोगों से लगभग एक करोड़ 29 लाख रुपया का जुर्माना वसूला गया है. अब तक आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं. इन आठ लोगों ने कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं किया था. इसमें कुछ होटल संचालक हैं कुछ मोबाइल दुकान संचालक हैं और कुछ दूसरे दुकानदार हैं.
अयाची का क्या है मामला ?
30 जून 2020 को जबलपुर नगर निगम के अपर आयुक्त राकेश अयाची की बेटी की शादी समारोह में 400 लोग शरीक हुए थे. इस शादी में तमाम बड़े अधिकारी, नेता भी शामिल हुए. जबकि शादी में 25 लोगों को बुलाने की ही अनुमति मिली थी. इस दौरान 180 लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ, लेकिन उनके खिलाफ किसी ने आवाज नहीं उठाई, तब जबलपुर के समाजसेवी अखिलेश त्रिपाठी ने इस शादी के खिलाफ जिला प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक, सबको चिट्टियां लिखकर शिकायत की, लेकिन राकेश अयाची के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
रिटायर्ड अधिकारी राकेश अयाची अखिलेश त्रिपाठी ने हाईकोर्ट की मदद ली. तब प्रशासन की लापरवाही सामने आई. आनन-फानन में मदन महल थाने में मामला दर्ज किया गया, एफआईआर होन के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. ठंडे पड़े हुए मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, इसीलिए अब हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है.