मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

प्रशासन की वादाखिलाफी, विस्थापितों ने घेरा कलेक्टर कार्यालय

3 वर्ष पहले मदन महल पहाड़ी को हेरिटेज प्लेस बनाने के लिए प्रशासन ने पहाड़ी पर रह रहे सैकड़ों परिवार को विस्थापित कर तिलहरी में बसाया था. तिलहरी में 3 साल तक रहने के बाद भी प्रशासन ने विस्थापितों को मुलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई है. जिसके विरोध में विस्थापित परिवारों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया.

The displaced besiege the collector's office
विस्थापितों ने किया कलेक्टर कार्यालय का घेराव

By

Published : Feb 9, 2021, 8:43 PM IST

जबलपुर।करीब 3 साल पहले मदन महल पहाड़ी को हेरिटेज प्लेस बनाने के लिए प्रशासन ने पहाड़ी से विस्थापित कर सैकड़ों परिवारों को तिलहरी में बसाया था. विस्थापन करते समय जिला प्रशासन ने विस्थापित लोगों से वादा किया था कि, उन्हें वह तमाम सुविधाएं दी जाएगी जो कि यहां मिल रही है. प्रशासन के झांसे में आकर सैकड़ों लोग तिलहरी में जाकर बस तो जरूर गए लेकिन उन्हें वह सुविधा नहीं मिली जिसका दावा जिला प्रशासन ने किया था.

विस्थापितों ने घेरा कलेक्टर कार्यालय
  • नाराज विस्थापितों ने घेरा कलेक्टर कार्यालय

करीब 3 साल से विस्थापन का दंश झेल रहे लोगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की. पुलिस विस्थापित लोगों को समझा रही थी तो इधर लोग जिला प्रशासन हाय-हाय के नारे लगा रहे थे. स्थानीय लोगों का कहना था कि जिला प्रशासन ने लुभावने सपने दिखाते हुए हमें तिलहरी में विस्थापित तो कर दिया, लेकिन मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया.

विस्थापितों ने किया कलेक्टर कार्यालय का घेराव
  • 'न जमीन है, ना छत' जंगली जानवरों का भी लगा रहता है डर

विस्थापित लोगों की माने तो जिला प्रशासन ने विस्थापन के समय कहा था कि तिलहरी में सभी लोगों को मकान बनाकर दिया जाएगा. सड़कें होंगी, बच्चों के स्कूल भी होंगे. लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी हालात जस के तस हैं. बच्चों के लिए स्कूल नहीं है. शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर राशन भी नहीं मिलता. इतना ही नहीं हमेशा जंगली जानवर का डर भी बना रहता है.

  • 3 साल में 12 लोगों की हो चुकी है मौत

जानकारी के मुताबिक जिस तिलहरी में जिला प्रशासन ने मदन महल पहाड़ी में रहने वाले लोगों को बसाया था. वहां पर अभी तक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसकी वजह लोगों ने बताई है कि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाया. जब इलाज के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था, तब मौत हो चुकी थी. इतना सब होने के बाद भी जिला प्रशासन अब तक सुध नहीं ले रहा है.

  • तहसीलदार ने दिया आश्वासन

विस्थापित कलेक्ट्रेट पर 1 घंटे तक हंगामा करते रहे और पुलिस उन्हें मनाती रही. आखिरकार तहसीलदार प्रदीप मिश्रा मौके पर पहुंचे और विस्थापित लोगों को उनकी हर सुविधा देने के लिए 20 से 25 दिन का समय मांगा तब जाकर विस्थापित लोगो का आंदोलन खत्म हुआ.

ABOUT THE AUTHOR

...view details