जबलपुर। आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में भारतीय वन सेवा के तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक व पदेन वन संरक्षक के खिलाफ शिकायत करने के बावजूद लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की युगलपीठ को लोकायुक्त की तरफ से बताया गया कि शिकायतों को निराकरण कर दिया गया है. इस पर युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के आग्रह पर निराकरण की रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये हैं.
आर्थिक अनियमितता का आरोप :सागर मकरोनिया निवासी पत्रकार प्रदीप कुमार जैन की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि तत्कालीन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन वन संरक्षक बैतूल भारतीय वन सेवा मोहन मीणा के द्वारा अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में कई आर्थिक अनियमितता की गईं. आईएफएस अधिकारी ने अपने क्षेत्र के वन भूमि पर संचालित शासकीय योजनाओं में कई प्रकार की आर्थिक अनियमिचतताएं तथा अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रताडित किया. बिना अधिकार विभाग के कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया गया.