जबलपुर। एडीजीपी उमेश जोगा, डीआईजी आरआरएस परिहार एवं एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने चोरी का खुलासा करते हुए बताया कि पूछताछ में पाया गया कि आरोपी गोपी उर्फ गुलाम मुस्तफा वाहन खरीद बिक्री का व्यापार करता था एवं इलेट्रानिक सामान बनाने का छोटा कारखाना चलाता था. कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद व्यापार में घाटा होने से उस पर कर्ज बढ़ गया. वारदात में प्रयुक्त इनोवा कार भी आरोपी ने लोन पर खरीदी थी, जिसका कर्ज वह चुका नहीं पा रहा था.
कर्ज में डूब गया था मुख्य आरोपी :कर्जदार लगातार उससे अपने पैसे मांग रहे थे. तभी आरोपी ने ज्वैलरी शॉप में चोरी करने की साजिश रची. उसने अपने साथी बैजू उर्फ बैजुद्दीन के साथ मिलकर रणनीति बनाई. गुलाम मुस्तफा बीते एक माह से पायलवाला गोल्ड शोरूम दुकान की रैकी कर रहा था. घटना के दिन गुलाम मुस्तफा ने अपनी इनोवा की नंबर प्लेट को कपड़े से ढंककर टेप से चिपका दिया. इनोवा में ताले काटने के लिए कटर लेकर दोनों गोलबाजार में दत्त मंदिर के पास गली में पहुंचे. कार खड़ी कर पैदल गलियों से होते हुए पायलवाला गोल्ड शोरूम के पीछे पहुंचकर तीनों ने दुकान के चैनल गेट सहित 10 ताले काटकर दुकान में प्रवेश किया.
चोरी के गहने आपस में बांटे :चोरों ने सबसे पहले सीसीटीवी का डीवीआर निकाल कर रख लिया. चोर दुकान के गोल्ड काउंटर में रखी ज्वैलरी बोरी में भरकर इनोवा से भाग गए. चोरों ने औजार, कपड़े एवं डीवीआर को बहते नाले मे फेंक दिया तथा इनोवा कार को भेड़ाघाट ले जाकर खड़ा कर अपने घर चले गए. थोड़ी देर बाद बाइक से कोसमघाट में उसी सुनसान स्थान पर जाकर चुराए हुए जेवरों की बोरी लेकर गोपी उर्फ गुलाम मुस्तफा के घर गए. वहां जेवरों का आपस में बंटवारा कर लिया गया.