जबलपुर। 14 साल के एक बच्चे में HIV की पुष्टि होने के बाद उसके सगे चाचा ने उसे घर से निकाल दिया. दमोह के एक गांव के रहने वाले इस बच्चे को जब कुछ समय नहीं आया, तो उसे जबलपुर की मोक्ष नाम की संस्था की याद आई. और ये मासूम चल दिया दमोह से जबलपुर के सफर पर. रास्ते में तमाम परेशानियों को पार कर जब बच्चा जबलपुर में मोक्ष संस्था के पास पहुंचा, तो उसके संघर्ष की कहानी दुनिया के सामने आई.
10 साल पहले बच्चे के माता-पिता की हो चुकी है मौत
दमोह के एक गांव में रहने वाले 14 साल के मासूम के माता-पिता की मौत 10 साल पहले ही हो गई थी. इसके बाद बच्चा अपनी दादी और चाचा के साथ रहने लगा. मासूम अक्सर बीमार हो जाता था. इसलिए डॉक्टर ने बच्चे के कुछ टेस्ट किए जिसमें उसे HIV होने की पुष्टि हुई. भतीजे को HIV होने जानकारी लगते ही उसके निर्दयी चाचा ने उसे घर से निकाल दिया.
बस पर लटककर दमोह से जबलपुर पहुंचा मासूम
जब बच्चे को कुछ समय नहीं आया तो कुछ साल पहले उसे जबलपुर का वो अस्पताल और वहां लोगों की मदद करने वाली मोक्ष संस्था की याद आई. एक जोड़ी कपड़े लेकर बच्चा दमोह से जबलपुर के सफर पर निकल गया. पैसा नहीं होने से बस वाले ने बस में बैठाने से मना कर दिया, तो थोड़ी मिन्नते करके बच्चा बस में लटककर जबलपुर तक आ गया.
बस स्टैंड से मेडिकल कॉलेज तक पैदल पहुंचा बच्चा