इंदौर। नगर निगम (indore nagar nigam) ने वाटर प्लस को लेकर शहर में विभिन्न तरह के विकास कार्य किए. विकास कार्यों के माध्यम से इंदौर को देश में नंबर वन वाटर प्लस (Water Plus certified city) का तमगा भी मिल गया, लेकिन बारिश (rain) के दिनों में शहर (indore) ने जो कीर्तिमान रचा, वह धूमिल होता नजर आ रहा है. निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर नाले ट्रैपिंग (drain trapping) किए थे, लेकिन नाले वापस से अपने मूल रूप में लौट आये हैं. जिसके बाद से निगम की नाला ट्रैपिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्र आज जलमग्न हो चुके हैं और वहां के रहवासी लगातार परेशानियों से जूझ रहे हैं.
बारिश ने खोली निगम की पोल
निगम (indore nagar nigam) की पोल बारिश (Rain) होते ही खुल चुकी है. निगम ने वाटर प्लस में नंबर वन का तमगा हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नालों की ट्रैपिंग की. इस कार्य में करोड़ों रुपए लगाए और विभिन्न तरह के कार्य किए. निगम के कार्यों को देश के समक्ष प्रस्तुत किया गया और उसके बाद वाटर प्लस के मामले में इंदौर (indore) को नंबर वन की रेटिंग प्रदान की गई, लेकिन थोड़ी सी बारिश में इन कार्यों की पोल खुल गई. सभी चीजें अपने मूल रूप में वापस लौट आईं. इन सब की भरपाई आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को करनी पड़ रही है.
कॉलोनी के लोगों की बड़ी मुश्किलें
शहर के पंचकुइयां (Panchkuiya) क्षेत्र का नाला हो या फिर मुसाखेड़ी क्षेत्र स्थित नाला या शहर के अन्य क्षेत्र जहां पर नाले निर्मित हैं. उन जगहों पर नाला ट्रैपिंग (drain trapping) किए गए. बड़े-बड़े सीवरेज (sewerage) के पाइप डाल दिए गए. सीवरेज के पाइप के माध्यम से नालों में बहने वाले पाइपों को ट्रेंचिंग ग्राउंड तक ले जाया गया. साथ ही दावा किया गया कि अब भविष्य में इन नालों पर पानी नहीं आएगा, लेकिन थोड़ी सी ही बारिश में ही इन नालों में पूरी तरीके से पानी भरा गया, क्योंकि जिन नालों में इस तरह की व्यवस्था निगम ने की थी. उस व्यवस्था के कारण आसपास की जो कॉलोनियां थी, उन कॉलोनियों में अब इन नालों का पानी घुस रहा है.
शहर के विभिन्न क्षेत्र जलमग्न
इसी तरह से यदि पूर्वी क्षेत्र की बात करें तो पूर्वी क्षेत्र के बीआरटीएस (BRTS), डीआईजी ऑफिस (DIG Office) कलेक्टर ऑफिस (Collector office) जैसे तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर जलभराव (Water logging) की स्थिति निर्मित हो रही है. बता दें अभी इंदौर (Indore) में मात्र तीन से चार इंच बारिश (rain) आमतौर पर हो रही है. यदि 7 से 8 इंच बारिश हो गई तो इंदौर के कई क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न हो जाएंगे.
कांग्रेस विधायक ने लगाए भष्ट्राचार के आरोप
वहीं, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला (Sanjay shukla) ने निगम के इस कार्य में भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि निगम ने जिस तरह से वाटर प्लस और नाला ट्रैपिंग का काम किया, उसी के कारण शहर में यह स्थिति निर्मित हो चुकी है. इसकी भरपाई क्षेत्रीय रहवासियों को उठाना पड़ रही है. यदि समय रहते निगम के अधिकारियों ने इस समस्या को दुरुस्त नहीं किया, तो कांग्रेस के द्वारा एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.
रहवासियों ने भी किये दावे
वहीं रहवासियों ने निगम की कार्यप्रणाली को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि हमारी कॉलोनी में आमतौर पर इस तरह की समस्या नहीं थी, लेकिन निगम ने जिस तरह से पिछले दिनों बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर उनमें पाइप लाइन की व्यवस्था की. उसके बाद उनके क्षेत्रों में भी पानी भरने लग गया. आज स्थिति यह है कि उनके घरों तक पानी पहुंच चुका है, और यदि समय रहते निगम ने इस समस्या का समाधान नहीं निकाला तो निश्चित तौर पर यह स्थिति और भी दयनीय हो सकती है.