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इंदौर पहुंची स्पूतनिक-V वैक्सीन, वैक्सीनेशन से पहले जान लें ये जरूर बातें - इंदौर समाचार

इंदौर में कोविड-19 की वैक्सीन स्पूतनिक-वी का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है. स्पूतनिक के डोज के लिए आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.

Sputnik V
स्पूतनिक-V

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Published : Jul 7, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Jul 7, 2021, 10:43 AM IST

इंदौर।कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से पहले इंदौर में कोविड-19 की वैक्सीन स्पूतनिक-वी के डोज लगने शुरू हो गए हैं. इंदाैर के एक निजी अस्पताल में इसकी शुरुआत हो गई है. यहां बीते दो दिन में शहर के लगभग 200 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है.

आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन जरूरी
दरअसल, वैक्सीनेशन के लिए लगातार लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. कुछ लोग बिना किसी जानकारी के वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे हैं, जिन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. ऐसे में यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि वैक्सीनेशन के लिए पहले आपको आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद हॉस्पिटल पहुंचकर 1145 रुपए जमा करने के बाद ही वैक्सीन की एक डोज लगवा सकते हैं. स्पूतनिक-वी की दूसरी डोज के बीच लगभग तीन से चार सप्ताह का अंतर रखा जाता है. बता दें कि शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में भी बुधवार से स्पूतनिक लगनी शुरू होगी.

स्पूतनिक-वी के बारे में प्रमुख जानकारी
देश में कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद, मॉस्को में गेमाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक-वी के डोज लगने शुरू हो गए हैं. भारत में वैक्सीनेशन के लिए यह तीसरी कोविड-19 वैक्सीन है. दिशानिर्देशों के अनुसार, वैक्सीन को इसके तरल रूप में माइनस 18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर संग्रहित किया जाता है.


स्पूतनिक-वी 91.6 प्रतिशत असरदार
हालांकि, इसे पारंपरिक रेफ्रिजरेटर में फ्रीज-ड्राइड रूप में 2-8 डिग्री सेल्सियस तामपान पर संग्रहित किया जा सकता है, जिससे इसे परिवहन और स्टोर करना आसान हो जाता है. हाल ही में द लैंसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में स्पुतनिक-वी की प्रभावशीलता 91.6 प्रतिशत निर्धारित की गई थी.


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60 देशों में मंजूरी
बता दें कि पहली और दूसरी खुराक के बारे में जानकारी देते हुए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से एन. के. अरोड़ा ने कहा कि पहली खुराक की संरचना दूसरी खुराक से अलग होगी. साथ ही पहली खुराक और दूसरी के बीच कम से कम तीन से चार सप्ताह का अंतर होना चाहिए. दरअसल, भारती ही नहीं बल्कि स्पुतनिक-वी को कोविड-19 से निपटने के लिए दुनिया भर के 60 देशों में मंजूरी दी गई है.

Last Updated : Jul 7, 2021, 10:43 AM IST

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