इंदौर। मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर डकैती का आरोप लगा है. वन मंत्री विजय शाह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वन विभाग के एक अधिकारी की शिकायत पर मामला सामने आया है. जांच टीम महू पहुंच चुकी है और अपने काम में जुट गई है. लेकिन इस सबके बीच एक सवाल बहुत अहम है. आखिर पुलिस ने वनकर्मियों की शिकायत पर मामला दर्ज क्यों नहीं किया..?
क्या कहना है लीगल एक्सपर्ट का ?
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता सूरज उपाध्याय का कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों की तरफ से आपराधिक मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की गई. लेकिन पुलिस आना-कानी करती रही. जो गलत है. सामान्य तौर पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी. क्योंकि आरोप डकैती के थे. उसके बाद जांच होती. अगर इस मसले से मंत्री उषा ठाकुर का कोई लेना-देना नहीं है, तो जांच में स्पष्ट हो जाता. ये गंभीर लापरवाही है. सुप्रीम कोर्ट कुसुम कुमारी बनाम बिहार राज्य मामले में स्पष्ट कर चुका है कि ऐसे मामले में पुलिस पहले शिकायत दर्ज करे, फिर जांच करे.
उन्होंने कहा कि कायदे से पुलिस एफआईआर दर्ज करती, फिर वन विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क करते. मामले में वन विभाग को लगता कि इस पर जांच कमेटी की जरूरत है, तो वे अलग से अपनी जांच करवा सकते थे. लेकिन सब उलटा हुआ. पुलिस इसमें शामिल नहीं है और पहले जांच कमेटी बन गई है.
वन विभाग के अधिकारी करेंगे जांच
वन मंत्री द्वारा गठित जांच दल महू पहुंच चुका है. अधिकारियों का कहना है कि वे तमाम पहलूओं को देखते हुए जांच पूरी करेंगे. फिर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसे शासन को सौंपा जाएगा. रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करना शासन का काम है, वह केवल जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
क्या आरोप लगे ?
महू वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर आरएस दुबे ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर सरकारी कार्य में बाधा डालने और डकैती जैसे संगीन आरोप लगाए हैं. साथ ही थाने में एक आवेदन दिया है. यह आवेदन पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बता दें कि मंत्री उषा ठाकुर महू विधानसभा से ही विधायक हैं.
मंत्री उषा ठाकुर सहित करीब 20 लोगों के खिलाफ हाल ही में वन विभाग द्वारा एक आवेदन प्रस्तुत किया गया है. ये आवेदन बड़ौदा पुलिस थाने में किया गया. बताया जा रहा है कि इसमें मंत्री सहित सभी लोगों पर डकैती डालने और सामान लूटकर ले जाने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई. लेकिन अंत में आवेदन को लौटा दिया गया. वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं.टीम ने अपना शुरू कर दिया है.