इंदौर। आंखफोड़वा कांड के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है, रविवार को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मरीजों से मुलाकात की और मामले की पूरी जानकारी ली. इस दौरान चेन्नई के शंकरा अस्पताल से आए नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रमन ने भी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है. मंत्री ने इस मामले की जांच कर रही कमेटी के साथ समीक्षा बैठक भी की.
स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ितों को हरसंभव इलाज देने का आश्वासन दिया बैठक के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अंधत्व निवारण कार्यक्रम के प्रभारी डॉक्टर त्रिलोचन सिंह होरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, साथ ही इंदौर आई केयर हॉस्पिटल की जमीन की जांच के आदेश देने और लीज निरस्तीकरण की भी अनुशंसा की है.
इंदौर के चोइथराम नेत्र चिकित्सालय पहुंचे मंत्री तुलसी सिलावट ने जमीन पर बैठकर मरीजों से बात की और मौके पर मौजूद अधिकारियों से अस्पताल की सुविधाओं की जानकारी भी ली. स्वास्थ्य मंत्री ने मरीजों को आश्वासन दिया कि यहां सुविधाएं न होने पर देश के किसी भी अस्पताल में उनका इलाज कराया जाएगा.
दो समितियां गठित
इलाज के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई है, वहीं मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने भी अपना काम शुरू कर दिया है. समिति के सदस्यों ने चोइथराम अस्पताल पहुंचकर मरीजों से बात की. ये समिति तीन बिंदुओं पर जांच कर रही है, जिसमें दवा के कारण संक्रमण होना या डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही या फिर ओटी से संक्रमण मिलने जैसे बिंदु शामिल हैं.
मंत्री ने ली उच्चस्तरीय बैठक
मंत्री तुलसी सिलावट ने चोइथराम नेत्र चिकित्सालय में ही स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक ली. बैठक में इंदौर संभाग आयुक्त आकाश त्रिपाठी और शंकर नेत्रालय चेन्नई से आए डॉ. राजीव रमन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. धार और इंदौर जिले के सीएमएचओ के खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री तुलसी सिलावट के मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी वहीं इंदौर नेत्र चिकित्सालय में कैंप आयोजित होने की अनुमति देने की जांच भी स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा कराए जाने की बात कही गई, साथ ही प्रदेश में आगे से किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य शिविर में स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी को भी मंत्री तुलसी सिलावट के द्वारा अनिवार्य किया गया है.