इंदौर। भारत में सबसे तेजी से महंगे होते पेट्रोल डीजल के कारण अब ई-परिवहन का ट्रेंड बढ़ रहा है. देशभर में बीते तीन साल में ही बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या 6 गुना तक बढ़ गई है. यही स्थिति तमाम राज्यों की है. जहां अब सरकारें बैटरी चलित वाहनों को प्रमोट कर रही हैं. प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में भी तेजी से ई-परिवहन का ट्रेंड बढ़ रहा है. यहां सड़कों पर लोक परिवहन में भी बैटरी चलित बसों से लेकर रिक्शा और दुपहिया वाहन दौड़ रहे हैं, जिनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं.
देश और दुनिया में बढ़ते ई-परिवहन के ट्रेंड के चलते अब इंदौर में भी बैटरी से चलने वाले वाहन लोक परिवहन के क्षेत्र में अपनी रफ्तार बढ़ा रहे हैं. बीते कुछ सालों में ही आलम यह है कि यहां 408 ई-रिक्शा दो दर्जन से ज्यादा कारें और 100 से ज्यादा बसें शहर की सड़कों पर ई-परिवहन के सपने को साकार करने के लिए दौड़ रही है. बीते 5 सालों में इंदौर में बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या पर गौर किया जाए तो इनकी संख्या करीब एक हजार तक पहुंच रही है, जिन्हें मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पंजीयन किए जाने के बाद निजी स्तर के अलावा सड़कों पर लोक परिवहन के रूप में अथवा सार्वजनिक सवारी के तौर पर चलाने की अनुमति मिली है.
महंगाई के दौरान में बैटरी की आसान राह
इसके अलावा देशभर में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों की तुलना में सुलभ यातायात के मद्देनजर बैटरी से चलने वाले वाहनों की राह आसान हुई है. इंदौर में सबसे पहले कई शासकीय कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की शुरुआत हुई. बीते कुछ सालों में ही इंदौर नगर निगम के शीर्ष स्तर के अधिकारियों के अलावा पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों ने ई-परिवहन को अपनी जरूरत का हिस्सा बनाया. इसके बाद शासकीय खरीदी में टाटा मोटर्स की कारों और बसों की सप्लाई शुरू होने के बाद अब शहर में बैटरी चलित वाहनों की बिक्री बढ़ रही है.
प्रदूषण रोकने में सहायक ई-रिक्शा, कम खर्च मुनाफा ज्यादा
लोक परिवहन के साधन के रूप में शहर के बीआरटीएस कॉरिडोर में भी अब नगर निगम के अधीन बैटरी चलित करीब 100 बसें चल रही हैं, जिनमें प्रतिदिन 50हजार से ज्यादा लोग सवारी करते नजर आ रहे हैं. ऐसी ही स्थिति निजी स्तर पर चल रहा है सवारी वाहनों की है, जिनकी संख्या सड़कों पर अब लगातार बढ़ रही है इसके अलावा व्यवसाय उपयोग में भी बैटरी चलित वाहनों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है.
इंदौर में सबसे पहले चार्जिंग नेटवर्क