इंदौर। शहर में निकलने वाले पारंपरिक गेर को जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के चलते निरस्त कर दिया है. इसके बावजूद कई लोग राजवाड़ा पर होली खेलने के लिए पहुंचे. इस दौरान कई लोग चेहरे पर मास्क लगाकर होली खेलते दिखाई दिए. प्रशासन ने शहर की पारंपरिक गेर को कोरोना वायरस की आशंका के चलते निरस्त कर दिया.
कोरोना की दहशत, 73 सालों से निकलने वाले पारंपारिक गेर को प्रशासन ने किया निरस्त - पारंपारिक गेर निरस्त
कोरोना वायरस के चलते रंगों के त्योहार रंगपंचमी पर निकलने वाले गेर को प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. 73 सालों में ये पहला मौका है, जब गेर को निरस्त किया गया है.
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सालों से निकलने वाली परंपरागत गेर को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया. रंग पंचमी के दिन निकलने वाली इस गेर के लिए प्रशासन ने खास तैयारियां की थीं, लेकिन देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ऐहतियातन इसे निरस्त करने का फैसला किया गया. हालांकि विश्व धरोहर में गेर को शामिल कराने के लिए प्रशासन के द्वारा प्रयास अभी भी जारी है. प्रशासन के द्वारा गेर को ऐतिहासिक दिखाने के लिए एक शॉर्ट फिल्म भी तैयार की जानी है, हालांकि परंपरागत गेर को फिल्मों में ना दिखा पाने के कारण पुराने फुटेज और राजवाड़ा पर पहुंच रहे लोगों के साथ इस फिल्म की शूटिंग की जा रही है. गेर नहीं निकलने के बावजूद राजवाड़ा पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, हालांकि कोरोना वायरस के चलते लोग चेहरे पर मास्क लगाकर होली खेलने के लिए इकट्ठे हो रहे हैं.
इंदौर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस परंपरागत गेर को निकालने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है. इससे पहले आपातकाल और दंगों के समय भी गेर निकाला गया है और इसने हिंदु-मुस्लिम एकता और भाईचारे का संदेश दिया है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने गेर को निकलने से रोक दिया.