इंदौर। कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है और कई जगह पर कोरोना मरीज भी सामने आ रहे हैं. यदि हम इंदौर के सेंट्रल जेल, जिला जेल, अन्य उप जेलों की बात करें तो यहां भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इसके लिए जेल प्रबंधक ने विभिन्न तरह की व्यवस्था की है. जिसके कारण अभी नाम मात्र के कैदी कोरोना से संक्रमित हो रहा है. जो कैदी कोरोना से संक्रमित नजर आ रहे हैं. उन्हें जेल के अंदर ही आइसोलेट वार्ड में रखा जाता है. वहीं एहतियात के तौर पर सभी जेलों में टोटल लॉक डाउन किया गया है.
कैदियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
राज्य सरकार जिस तरह से इंदौर में कोरोना मरीजों की संख्या सामने आने के बाद हर रविवार को लॉकडाउन लगा रही है. उसी तर्ज पर इंदौर की सेंट्रल जेल के साथ ही जिला जेल अन्य उप जिलों में भी जेल प्रबंधक ने कैदियों की स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए टोटल लॉकडाउन का निर्णय लिया है. जेल प्रबंधक ने अपने कैदियों की सुरक्षा के लिए बैरक के हिसाब से कैदियों को बाहर निकालने की व्यवस्था की है और काम खत्म होने के बाद फिर से कैदी बैरक में जाकर बंद हो जाते हैं, यानी कि एक बैरक में बंद कैदियों को एक समय के अनुसार अपने जरूरी काम निपटाने के लिए एक समय दिया जाता है. उसके बाद अन्य बैरक में बंद कैदियों को भी इसी तर्ज पर बाहर निकाला जाता है.
3650 कैदी सेंट्रल जेल में बंद
वह इंदौर के सेंट्रल जेल की बात करें तो इंदौर की सेंट्रल जेल में 3650 कैदी है. जिसमें महिला और पुरुष दोनों बंदी शामिल है. इसी तरह से स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए सेंट्रल जेल प्रबन्धक ने जेल के अंदर टोटल लॉकडाउन की व्यवस्था की है. किसी भी बंदी को एक बैरक से दूसरे बैरक में जाने की अनुमति नहीं है. वहीं जरूरी काम करने के लिए भी एक बैरक को कुछ समय के लिए खोला जाता है और उसमें बंद कैदियों को एक निश्चित समय में अपना काम खत्म कर वापस बैरक के अंदर आने की अनुमति है. इसके बाद इसी तरह से दूसरे बैरक में भी बंद कैदियों को इसी तरह की व्यवस्था के तहत बाहर निकाला जाता है.
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सेंट्रल जेल के अंदर जितने भी सार्वजनिक कार्य किए जाते थे. जिसमें बढ़-चढ़कर कैदी हिस्सा लेते थे, उन्हें पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है, वहीं सेंट्रल जेल प्रबंधक ने कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न तरह की व्यवस्था जेल के अंदर की थी जिसमें महिलाओं के लिए सिलाई कढ़ाई के कार्यक्रम किए जा रहे थे, तो वहीं पुरुष बंदियों के लिए अंदर ही रोजगार देने के लिए विभिन्न तरह के कारखाने भी संचालित किए जा रहे थे. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल के अंदर पूरी तरीके से लॉकडाउन कर दिया गया है.
जिला जेल में 1350 बन्दी
इंदौर की जिला जेल की बात करें तो इंदौर की जिला जेल में 1350 बंदी बंद है. जिनमें महिला और पुरुष दोनों तरह के बंदी शामिल है. लेकिन वहां पर भी बंदियों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए बेहतर तरह की व्यवस्था की गई है. इसके साथ जो भी बंदी कोरोना संक्रमित आता है उसके लिए आइसोलेट वार्ड के साथ ही अन्य तरह की व्यवस्था जेल प्रबंधक ने की है. वहीं पिछले दिनों इंदौर की जिला जेल में दो बंदियों सहित एक जेलर के कोरोना संक्रमित होने की खबर भी आई थी. जिसके बाद एतिहात के तौर पर जिला जेल में भी विभिन्न तरह की व्यवस्था जेल प्रबंधक ने की है.
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