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लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी के चलते छापने लगे नकली नोट, तीन आरोपी गिरफ्तार

इंदौर जिले के कनाडिया थाना पुलिस ने नकली नोट छापकर ग्रामीण क्षेत्रों में खपाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस ने प्रिंटर, कागज और अन्य सामान जब्त किया है.

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Published : Nov 28, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 1:17 PM IST

Three accused arrested for printing fake currency in indore
नकली नोट छापकर ग्रामीण क्षेत्रों में खपाने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

इंदौर।इंदौर के कनाडिया थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए, नकली नोट छापने और उसे खपाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इसके साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़ गए आरोपियों के पास से पुलिस ने प्रिंटर, कागज और अन्य सामान जब्त किए हैं.फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है.

कनाडिया पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग ग्रामीण इलाकों में नकली नोटों को खपा रहे हैं, सूचना के आधार पर कनाडिया टीआई ने एक टीम गठित कर मामले की जांच के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भेजा. इसी दौरान कनाडिया थाना क्षेत्र की एक दुकान पर विक्रम नाम का एक शख्स नकली नोट लेकर पहुंचा. जिसे पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ लिया, पुलिस पूछताछ के बाद पुलिस ने दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया. आरोपी ने बताया कि लखन और हरिओम के साथ वह नकली नोट छापकर बाजारों में चला देते थे. पकड़े गए तीनों ही आरोपियों के पास से 3 लाख नकली नोट बरामद किए हैं. आरोपी अधिकतर 100, 200 और 500 के नकली नोट छापने का काम करते थे और अन्य नोटों की गड्डी में छिपाकर चला देते थे.

  • आरोपियों ने बना रखा था नकली नोट छापने का कारखाना

आरोपियों ने नकली नोट छापने के ठिकाने को कारखाने का रूप दे रखा था. जहां से पुलिस ने प्रिंटर, कागज और स्याही जब्त की है. आमतौर पर 100 रुपये और 500 रुपये के असली नोट में दिखने वाली भारत सरकार की चमकीली पट्टी होती है. लेकिन आरोपियों के द्वारा नोटों पर चमकीली पट्टी की जगह डेकोरेशन के काम में इस्तेमाल करने वाली पट्टी का उपयोग किया जा रहा था. जिसके कारण भारत सरकार लिखा हुआ चमकता था, और कोई भी व्यक्ति इसे पहचान नहीं पाता था.

  • ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं आरोपी

तीनों आरोपियों ने बताया कि तीनों इंदौर में काफी सालों से रह रहे हैं. लॉक डाउन के दौरान उनकी आर्थिक हालत काफी बिगड़ चुकी थी. जिसके चलते उन्होंने इस तरह के काम की योजना बनाई. जिसके बाद नकली नोट तैयार कर उन्हें खपाने के लिए भी ग्रामीण क्षेत्र को ही चुना. तीनों आरोपी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. आरोपी लखन नेमावर का मूल निवासी है. वहीं आरोपी हरिओम पवार खातेगांव का रहने वाला है. विक्रम उर्फ विक्की हरदा का रहने वाला है.

Last Updated : Nov 28, 2020, 1:17 PM IST

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