इंदौर।करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति रखने के मामले में आबकारी अफसर की पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बता दें कि लोकायुक्त को सूचना मिली थी कि आबकारी विभाग के अफसर के पास आय से अधिक संपत्ति है. जिसके आधार पर लोकायुक्त ने छापा मारा था. जिसकी जांच अब भी चल रही है. इसे लेकर लोकायुक्त की टीम ने आबकारी अधिकारी के साथ उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया था. जिसे लेकर उनकी पत्नी ने कोर्ट में याचिका लगाकर जमानत मांगी थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
- करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
2 साल पहले धार के जिला आबकारी अधिकारी के पद पर रहते हुए पराक्रम सिंह चंद्रावत के खिलाफ कुछ लोगों ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी. शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने चंद्रावत के यहां छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान लोकायुक्त पुलिस को 5 करोड़ से अधिक बेनामी संपत्ति होने के मामले सामने आए थे. जांच एजेंसी ने वर्ष 2018 में चंद्रावत के घर और अन्य स्थानों पर एक-एक कर छापे मारे तो कुल 3 करोड़ 25 लाख 44500 रुपए की आय से अधिक संपत्ति पाई गई. जिसका कोई हिसाब किताब नहीं मिला.
- जमानत याचिका खारिज
मामले में लोकायुक्त पुलिस ने उनकी पत्नी विभा कुमारी को भी आरोपी बनाया है. इस प्रकरण में विभा कुमारी ने स्वयं की गिरफ्तारी की संभावना जताते हुए विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन दिया था और तर्क दिया था कि उनकी आय को गलत तरीके से आंका गया है. जबकि उनके पास स्वयं का पेट्रोल पंप है लेकिन इसे जांच एजेंसी ने पति की संपत्ति मान लिया. उसने स्वयं को आयकर दाता भी होना बताया. लेकिन विशेष न्यायालय ने उसके सभी तर्कों को दरकिनार करते हुए आबकारी अधिकारी की पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.