मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अवैध संपत्ति मामले में अफसर की पत्नी की जमानत याचिका खारिज

बेनामी संपत्ति मामले में धार के पूर्व आबकारी अधिकारी की पत्नी ने इंदौर की स्पेशल कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अर्जी को खारिज कर दिया.

The bail application of the officer's wife rejected, indore news, benami property case
बेनामी सम्पत्ति मामले में अफसर की पत्नी की जमानत अर्जी खारिज

By

Published : Mar 17, 2021, 5:06 PM IST

इंदौर।करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति रखने के मामले में आबकारी अफसर की पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बता दें कि लोकायुक्त को सूचना मिली थी कि आबकारी विभाग के अफसर के पास आय से अधिक संपत्ति है. जिसके आधार पर लोकायुक्त ने छापा मारा था. जिसकी जांच अब भी चल रही है. इसे लेकर लोकायुक्त की टीम ने आबकारी अधिकारी के साथ उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया था. जिसे लेकर उनकी पत्नी ने कोर्ट में याचिका लगाकर जमानत मांगी थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.

  • करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

2 साल पहले धार के जिला आबकारी अधिकारी के पद पर रहते हुए पराक्रम सिंह चंद्रावत के खिलाफ कुछ लोगों ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की थी. शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने चंद्रावत के यहां छापामार कार्रवाई की थी. इस दौरान लोकायुक्त पुलिस को 5 करोड़ से अधिक बेनामी संपत्ति होने के मामले सामने आए थे. जांच एजेंसी ने वर्ष 2018 में चंद्रावत के घर और अन्य स्थानों पर एक-एक कर छापे मारे तो कुल 3 करोड़ 25 लाख 44500 रुपए की आय से अधिक संपत्ति पाई गई. जिसका कोई हिसाब किताब नहीं मिला.

  • जमानत याचिका खारिज

मामले में लोकायुक्त पुलिस ने उनकी पत्नी विभा कुमारी को भी आरोपी बनाया है. इस प्रकरण में विभा कुमारी ने स्वयं की गिरफ्तारी की संभावना जताते हुए विशेष न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन दिया था और तर्क दिया था कि उनकी आय को गलत तरीके से आंका गया है. जबकि उनके पास स्वयं का पेट्रोल पंप है लेकिन इसे जांच एजेंसी ने पति की संपत्ति मान लिया. उसने स्वयं को आयकर दाता भी होना बताया. लेकिन विशेष न्यायालय ने उसके सभी तर्कों को दरकिनार करते हुए आबकारी अधिकारी की पत्नी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

पीएमटी घोटाले के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज, 6 लोगों के खिलाफ चालान पेश

  • अनुकम्पा नियुक्ति पर हुए थे पदस्थ

पराक्रम सिंह चंद्रावत के पिता नरेंद्र सिंह चंद्रावत 1996 में महू थाने में प्रभारी थे. उनपर एक गुंडे ने हमला कर दिया था. जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी जिसके बाद उनके बेटे पराक्रम सिंह चंद्रावत को अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी और अनुकंपा नियुक्ति के बाद पराक्रम ने आबकारी विभाग चुन लिया था और उसके बाद वह विभिन्न जगह पर पदस्थ रहे. इस दौरान उन पर कई तरह के आरोप भी लगे. लेकिन जब 2 साल पहले लोकायुक्त ने पूरे मामले में उनके घर पर दबिश दी. तो करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ जो उनकी आय से अधिक थी. इसके बाद इस पूरे मामले में लगातार जांच पड़ताल चल रही है. लोकायुक्त ने जब आबकारी अधिकारी के यहां दबिश दी थी तो उनके पास से मर्सिडीज और ऑडी जैसी गाड़ियां भी मिली थी और उसके बाद से ही अधिकारी काफी सुर्खियों में बने रहे थे.

फिलहाल जिस तरह से उनकी पत्नी ने अग्रिम जमानत के लिए विशेष अदालत में आवेदन लगाया था. उस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है. तो निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में अधिकारी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details