इंदौर।आज के आधुनिक युग में सरकारी दफ्तरों में भी टोने-टोटके का खौफ इस कदर है कि अधिकारियों के ट्रांसफर, कार्यालय में भभूत छिड़कने और नींबू काटने जैसे आरोपों के आधार पर हो रहे हैं. इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कंपनी के एमडी अमित तोमर ने अपने ऑफिस में भभूत छिड़कने के आरोप में अपने अधीनस्थ अतिरिक्त अधीक्षण यंत्री(superintending engineer) का ट्रांसफर इंदौर से आगर-मालवा कर दिया है. दरअसल प्रदेश में यह पहला मामला है, जब किसी आईएएस अफसर ने अपने कार्यालय में भभूत छिड़ककर जादू टोना होने की आशंका में अधीक्षण यंत्री स्तर के किसी अधिकारी को ट्रांसफर की सजा दी हो.
ऑफिस में टोना-टोटका का मामला:दरअसल पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पोलो ग्राउंड स्थित मुख्यालय में प्रबंध निदेशक के कार्यालय में लाइट नहीं होने की सूचना पर सोमवार को कंपनी के अधीक्षण यंत्री मेंटेनेंस गजेंद्र कुमार पहुंचे थे, एमडी के कक्ष के बाहर पदस्थ भृत्य के साथ उन्होंने सुबह करीब 9:30 बजे एमडी कक्ष की लाइट चेक की और कुछ देर में बाहर आ गए. इसके बाद बताया गया कि उनके द्वारा कक्ष में घुसने पर एमडी अमित तोमर की टेबल पर भभूत छिड़की थी.
बताया गया कि जब बाद में खुद एमडी अपने कक्ष में पहुंचे तो उन्हें टेबल पर भभूत मिली, इसके बाद उन्होंने जब अपने कक्ष के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की चेकिंग कराई तो उसमें अधीक्षण यंत्री गजेंद्र कुमार कक्ष में जाते हैं और बाहर आते पाए गए. बस इसी को लेकर एमडी के निर्देश पर मुख्य महाप्रबंधक द्वारा उसी दिन कारण बताओ नोटिस दे दिया गया, इतना ही नहीं कंपनी को संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की इतनी जल्दी थी कि नोटिस में ही उल्लेख किया गया कि "नोटिस मिलते ही तत्काल उसका जवाब दिया जाए, अन्यथा सिविल सेवा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी." शाम होते-होते संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें इंदौर से आगर-मालवा स्थानांतरित कर दिया गया है.
आखिर जादू टोने की मंशा क्या थी:अधीक्षण यंत्री गजेंद्र कुमार को दिए गए नोटिस में उल्लेख किया गया है कि "आपके द्वारा बिना किसी कार्य के बिना किसी कारण सक्षम प्राधिकारी की अनुमति प्राप्त किए बगैर प्रबंध निदेशक महोदय के कक्ष में सुबह 9:25 बजे प्रवेश किया गया, लिहाजा आपके अनाधिकृत प्रवेश को लेकर क्या मंशा थी. क्योंकि प्रबंध निदेशक के कक्ष में अत्यावश्यक नस्ती दस्तावेज आदि भी होते हैं, आपकी ऐसी क्या मंशा थी जो आपके द्वारा ऐसा किया गया. आपका यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है."