इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में स्वाइन फ्लू के तीन मामले सामने आए हैं. मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. तत्काल प्रशासन को सूचित कर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है. इधर फ्लू से प्रभावित सभी लोगों को स्थानीय अस्पताल में एडमिट कराया गया है. एमपी के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. इंदौर में जिन लोगों में फ्लू के वायरस डिटेक्ट हुए हैं उनमें एक महिला समेत तीन लोग स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाए गए हैं.
CMHO ने की पुष्टी: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ बीएस सैत्य ने कहा कि एच1एन1 वायरस से संक्रमित दो पुरुषों और एक महिला का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. उन्होंने कहा कि इन मामलों का पता चलने के साथ ही शहर में एच1एन1 संक्रमण सामने आने लगा है.
संपर्क में आए लोगों को अलर्ट: स्वास्थ्य विभाग ने उन इलाकों का सर्वेक्षण किया है जहां से ये मरीज आते हैं ताकि पता लगाया जा सके कि उनके संपर्क में आए लोग संक्रमण से पीड़ित तो नहीं थे. अधिकारी ने कहा कि अब तक कोई और इस बीमारी से प्रभावित नहीं पाया गया है. इसके साथ ही उन लोगों को विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा गया है जो इन तीनों लोगों से संपर्क में आए थे और किसी भी किस्म का लक्षण दिखने पर तत्काल टेस्ट कराने की स्वास्थ्य विभाग सलाह दे रहा है.
सर्तकता बरतने से बचा जा सकता है फ्लू से:भोपाल के डॉक्टर एसके शुक्ला का कहना है कि थोड़ी सतर्कता बरती जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि सर्दी जुखाम ज्यादा समय तक रहता है तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. वहीं मरीजों के आने के बाद से इंदौर में अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के लिए विशेष आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं. साथ ही इस वायरस से बचाने वाली ज़रूरी दवाओं की व्यवस्था भी शासन द्वारा की गई है.
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जानें लक्षण: यह संक्रामक बीमारी भी है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर अन्य व्यक्ति आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाता है. स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के बाद मरीज में तेजी से इम्यूनिटी पावर कमजोर होती है, इसके बाद मरीज में खांसी, गले में खराश ,तेज बुखार मांसपेशियों में दर्द और लगातार नाक बहने के लक्षण दिखाई देते हैं.
नई गाइड लाइन:स्वास्थय विभाग ने मौसमी बीमारियों को लेकर गाइड लाइन जारी की है. जिसके मुताबिक यह कहा गया है कि h1 n1 में भी ILI/SARI जैसे लक्षण होते हैं. ऐसे लक्षण युक्त रोगियों का परीक्षण और जांच कोविड-19 के साथ h1 n1 के लिए भी की जाए. साथ ही हाई रिस्क समूहों जिनमें छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और ज्यादा उम्र के व्यक्ति शामिल है, उन्हें h1 n1 का टीका भी लगाया जाए. यह टीका स्वास्थ्य कर्मियों को भी लगाया जाए.