इंदौर।किसी भी जन आंदोलन को गति देने के लिए नारों और गानों का सदियों से अहम रोल रहा है. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के स्वच्छता अभियान को इसी सूत्र वाक्य से जोड़ने के लिए यहां का एक शख्स बीते 5 सालों से स्वच्छता के तराने लिख रहा है. खास बात यह है कि हर साल इस शख्स का लिखा गाना लोकप्रिय होकर शहर के स्वच्छता गान में तब्दील हो जाता है. इतना ही नहीं फिर यही गाना शहर के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रखने के लिए साल भर शहर के गली मोहल्लों में गूंजता है.
इंदौर वासियों को गाने से दिया स्वच्छता का संदेश
प्रदेश के उत्सव और कलाप्रेमी शहर इंदौर के लोगों को हर साल एक नए गाने के जरिए स्वच्छता के प्रति प्रेरित करने का अभियान छेड़ने वाले देवेंद्र मालवीय एक ऐसे गीतकार हैं. जिन के गानों और स्वर लहरियों से मिलने वाली प्रेरणा के जरिए इंदौर बीते 4 सालों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है. दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों के बाद जैसे ही शहर नए सिरे से पहली रैंकिंग पर बने रहने की कोशिशों में जुड़ता है. बस तभी से इस गीतकार का लेखन शुरू हो जाता है. कई दिनों की बैठकों और 500 गायक शान के साथ गाने की नई-नई धुनें तैयार करने के बाद एक ऐसा गाना तैयार होने के बाद नगर निगम प्रशासन को सौंपा जाता है. जो शहर के नागरिकों को प्रतिदिन स्वच्छता के लिए जागरूक करने का काम करता है. इसके बाद शहर के सभी 88 वार्डों में कचरा एकत्र करने वाली तमाम गाड़ियों में यही गाना साल भर बजता है.
देवेंद्र मालवीय का हर गाना हुआ सुपरहिट
इंदौर के लिए यह भी अजीब संयोग है कि जितनी बार गीतकार देवेंद्र मालवीय ने इंदौर की स्वच्छता पर गाने लिखे लगभग उनका हर गाना शहर में जमकर चर्चित हुआ. इतना ही नहीं उनके गानों के चर्चित होने की तरह ही इंदौर बीते 4 सालों से स्वच्छता की पहली रैंकिंग पर बना हुआ है.