इंदौर।शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अप्रैल महीने में ऑफलाइन परीक्षा कराने को लेकर तैयारियां कर रहा है. जिसका छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया है. विश्वविद्यालय जो परीक्षा आयोजित करा रहा है. उसे लेकर छात्र संगठन अब इसके खिलाफ विरोध पर उतर आएं हैं. और परीक्षा का बहिष्कार करने की बात भी कही है. वहीं अब विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों का इंतजार कर रहा है.
छात्र संगठन ने अन्य मोड में परीक्षा आयोजित कराने की मांग की
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अप्रैल महीने में बीए बीकॉम बीएससी सहित अन्य यूजी कोर्सों की परीक्षा ऑफलाइन कराने की तैयारी कर रहा है. विश्वविद्यालय की इन तैयारियों के बाद अब इसका विरोध शुरू हो गया है. आयोजित कराई जा रही परीक्षाओं को ऑफ लाइन मोड की बजाय ओपन बुक के आधार पर आयोजित कराने की मांग को लेकर छात्र नेताओं और छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपा और ऑफ लाइन मोड में परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा न कराने की मांग की है.
विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और कर्मचारी हो चुके हैं कोरोना संक्रमित
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में बीते दिनों कई अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इसी को देखते हुए कई छात्र नेता और छात्र संगठन आयोजित कराई जा रही परीक्षा को लेकर विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि "विश्वविद्यालय ने जैसे पहले परीक्षा आयोजित कराई हैं वैसे ही ओपन बुक परीक्षा के आधार पर इस साल भी ओपन बुक परीक्षा आयोजित कराई जाए. वर्तमान में संक्रमण की स्थिति बढ़ रही है ऐसे में ओपन बुक परीक्षा से छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सकता है."
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उच्च शिक्षा विभाग और राज्य शासन के निर्देशों पर आयोजित की जा रही परीक्षाएं
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि "विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग और राज्य शासन के निर्देशों पर परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है. लकिन लगातार छात्र संगठनों और छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. पूरे घटनाक्रम की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को दी जा रही है. आने वाले दिनों में परीक्षा को लेकर फैसला लिया जाएगा. जबकि विश्वविद्यालय में भी अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. पूरे मामले की जानकारी विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग को दी है. उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के बाद ही परीक्षा को लेकर फैसला लिया जाएगा."