इंदौर।ढाई साल पहले कमलनाथ सरकार के रहते निगम- मंडलों की नियुक्तियों के दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि इसके बाद कमलनाथ सरकार गिरने और शिवराज सरकार के आने के बाद महिला आयोग के अलावा अन्य विभिन्न आयोग की नियुक्तियों को शिवराज सरकार ने वैध मानने से इंकार कर दिया था.
कोर्ट में लगाई थी गुहार :इसके बाद से विभिन्न निगम -मंडलों के अध्यक्ष या तो काम नहीं कर पाए या फिर उनके अधीन कर्मचारियों और अधिकारियों ने उनके आदेशों का पालन नहीं किया. लिहाजा, इस स्थिति के विरोध में शोभा ओझा समेत अन्य अध्यक्षों ने कोर्ट में गुहार लगाई थी. इस मामले में हाईकोर्ट से स्थगन मिलने के बाद भी लगातार राज्य सरकार के असहयोग आत्मक रवैया और कानूनी अर्चना से परेशान होने के बाद शोभा ओझा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
कोर्ट ने दी थी यह व्यवस्था :दरअसल, राज्य में निगम मंडल और आयोग की धारा 9 की उप धारा दो की शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए यह तय किया गया कि राज्य महिला आयोग अपने कार्य संचालन के लिए प्रक्रिया विनियमन 1988 के अनुसार बिंदु क्रमांक छह से नौ तक उल्लेखित कार्यशैली के अनुरूप 2 सदस्यीय बेंच के साथ अग्रिम कार्रवाई के संबंध में निर्णय करेगा. इसके बाद आयोग कार्यालय द्वारा उन आवेदनों पर बेंच द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार संबंधित अधिकारी को जांच हेतु पत्र प्रेषित कर प्रतिवेदन पर कार्रवाई की जाएगी.