सत्ता की सोशल इंजीनियरिंग इंदौर। 2008 और 2013 में मध्यप्रदेश के जनमत पर सवार सत्ता की ऊंचाइयों को छूने वाले शिवराज सिंह चौहान के लिए 2018 सबक की तरह था. एंटी इंकमबेसी कहें या परिवर्तन की बयार, कुछ समय के लिए इसने भाजपा को विपक्ष में बैठने को मजबूर कर दिया था. उस करीबी हार से सीख लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. 2023 का चुनावी समर जीतने के लिए वे प्रदेश की जनता के हर वर्ग को अपने खेमे में करने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं. चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार ने लाड़ली बहना योजना के जरिए प्रदेश की आधी आबादी को टारगेट किया है. यह पहला मौका है, जब मध्यप्रदेश में हर वर्ग की महिलाओं को हर महीने ₹1000 मिलेंगे. इसकी शुरुआत विश्व महिला दिवस यानी 8 मार्च से होने जा रही है.
जन कल्याणकारी योजनाओं पर जोर :मध्यप्रदेश की बच्चियों को भांजी बनाकर लाड़ली लक्ष्मी योजना की सौगात क्या दी, शिवराज देश भर में मामा के नाम से प्रसिद्ध हो गए. इस योजना के जरिए उन्होंने घर-घर में अपनी पैठ बनाई थी. इसके बाद कन्या विवाह, भावांतर और तीर्थ दर्शन जैसी कई योजनाओं से बुजुर्ग, किसान और समाज के हर तबके को साधते हुए 2013 में भी वे सत्ता बचाने में कामयाब हो गए थे. कुशल राजनेता की तर्ज पर अब वे 2023 की सियासी नैया को पार लगाने में जुटे हैं. 2018 के दोहराव से बचने के लिए शिवराज सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस कर चुकी है.
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महिलाओं को हर महीने मिलेंगे 1000 रुपए : लाड़ली लक्ष्मी योजना की कामयाबी को देखते हुए भाजपा सरकार अब लाडली बहना योजना के जरिए चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है. इसके लिए शिवराज सिंह चौहान ने अपनी हर जनसभा में इस योजना का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है. योजना के मुताबिक, हर महिला को हर महीने 1000 और सालाना 12000 रुपए की सौगात के रूप में कोशिश यही है कि पात्र बहनों से 2023 के चुनाव के लिए समर्थन हासिल किया जा सके. वे इस रणनीति में कामयाब होते दिख भी रहे हैं क्योंकि लाड़ली बहना की घोषणा भर से प्रदेश की आधी आबादी में उत्साह नजर आ रहा है.
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विश्व महिला दिवस से योजना की शुरुआत :शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना 8 मार्च यानि विश्व महिला दिवस से शुरू होने जा रही है. इसके तहत उन महिलाओं को हर महीने शिवराज सरकार 1000 रुपए देगी, जिनकी सालाना आय ₹ ढाई लाख से कम है. राज्य सरकार का दावा है कि जून माह से पात्र महिलाओं को यह राशि मिलना शुरू हो जाएगी. इसके लिए प्रदेश भर में सभी विधायकों और मंत्रियों के साथ आवेदन भरने के शिविर लगाए जाएंगे ताकि चुनाव के पहले योजना का लाभ दिलाया जा सके. हालांकि, इस योजना से सरकारी खजाने पर 5 साल में 60000 करोड़ का खर्च बढ़ जाएगा. सरकार को 12000 करोड़ रुपए सालाना पात्र महिलाओं के खाते में ऑनलाइन डालने होंगे. योजना का लाभ लेने के लिए पात्र महिलाओं को समग्र आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, मतदाता परिचय पत्र के साथ आवेदन करना होगा.