इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पुलिस नशे के सौदागरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. ड्रग्स वाली आंटी के बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पांच आरोपियों के पास से 70 किलो MDMA (मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन) ड्रग्स और 13 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. बरामद किए गए ड्रग्स की कीमत 70 करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस मामले में पकड़े गए पांचों आरोपियों की पुलिस कुंडली खंगाल रही है. पुलिस को उम्मीद है की जल्द ही कई और बड़े खुलासे हो सकते है.
वेद प्रकाश के ठिकानों पर कार्रवाई के लिए हैदराबाद जाएगी पुलिस की टीम
पकड़े गए पांचों आरोपी में तीन आरोपी मध्य प्रदेश के हैं, वहीं दो तेलंगाना के हैं. ड्रग्स को इंदौर और उसके आसपास के इलाकों में लाने का जिम्मा मंदसौर के चिमन का था. दरअसल चिमन टेंट व्यवसायी दिनेश अग्रवाल का भतीजा है. 2 साल से चिमन तेलंगाना से ड्रग्स लाने के अलग अलग तरीके अपना रहा है. इस मामले में पुलिस ने तेलंगाना के रहने वाले वेद प्रकाश व्यास को गिरफ्तार किया है. उसके बारे में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि साल 1984-85 के करीब वेद प्रकाश ने देवास से बतौर MR(Medical Representative) अपने कैरियर की शुरुआत की थी. इस दौरान उसने उज्जैन, देवास और मंदसौर में कई जगह काम किया. पुलिस वेद प्रकाश के तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में विभिन्न ठिकानों पर छापे मारने कार्रवाई की योजना बना रही है. वहीं उसकी संपत्तियों की जानकारी भी जुटाई जा रही है. इसी के संबंध में एडीजी ने एक पत्र तेलंगाना पुलिस को भी लिखा है. जल्द ही इंदौर से एक टीम हैदराबाद में वेद प्रकाश की विभिन्न संपत्ति और उसके कामकाज की जांच के लिए भी पहुंचेगी. इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है.
देवास का रहने वाला है वेद प्रकाश
जानकारी के मुताबिक वेद प्रकाश व्यास देवास का रहने वाला है. अलग-अलग जगह काम के दौरान उसकी कई लोगों से जान-पहचान हुई. थोड़े दिन बाद काम के लिए वह हैदराबाद शिफ्ट हो गया. जहां उसकी पहचान कई ड्रग्स माफियाओं से हो गई. इसके बाद उसने ड्रग्स की दुनिया में कदम रख लिया. हैदराबाद में उसने एरिस्टो फार्मा नोवाटेक नाम की खुद की कंपनी खोली. जहां से उसने दवाइयों का काम करना शुरु किया. साथ ही इसी कंपनी में एक बड़ा रैकेट भी संचालित करने लगा.
अग्रवाल परिवार के बारे में पुलिस को मिली अहम सूचना
इस पूरे ही रैकेट में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिल रही हैं. पुलिस ने अग्रवाल परिवार के तीन सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है. जिनमें से चिमन अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल और अक्षय अग्रवाल शामिल है. चिमन अग्रवाल दिनेश अग्रवाल का भतीजा है और दिनेश अग्रवाल का इंदौर शहर में अग्रवाल टेंट हाउस के नाम से बड़ा व्यापार भी है. इसी की आड़ में यह लोग इतने बड़े ड्रग्स रैकेट को संचालित कर रहे थे. वही पुलिस को यह भी जानकारी लगी है कि अग्रवाल परिवार ने मात्र 2 सालों में ही ड्रग्स से 50 करोड़ की कमाई की है. अब अग्रवाल परिवार की संपत्तियों की जांच पुलिस के द्वारा की जा रही है. वहीं यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि अग्रवाल परिवार ने कहीं ड्रग्स के कारोबार से ही इतनी बड़ी संपत्ति तो कहीं खड़ी नहीं की और यदि अगर ऐसा है तो उसे राजसात भी करने की योजना पुलिस के द्वारा बनाई जा रही है.
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ड्रग्स को लाने के लिए किया जाता था कोडिंग
पुलिस पूछताछ में यह भी जानकारी हाथ लगी है कि चिमन ट्रांसपोर्टिंग के अलग-अलग तरीके अपनाकर ड्रग इंदौर लाता था. कई बार वह ट्रकों के अंदर मुर्गी दाना की कोडिंग कर ड्रग्स को लाता था, तो कभी पीथमपुर की फार्मा कंपनियों में सप्लाई किए जाने वाले पाउडर बताकर ड्रग्स शहर में लाता था. वही दिनेश अग्रवाल के बारे में बताया जा रहा है कि टेंट व्यवसाई के साथ इवेंट ऑर्गेनाइजर भी था. यहां युवाओं से संपर्क कर उन्हें ड्रग सप्लाई करता था. वह हैदराबाद के वेद प्रकाश व्यास से ड्रग्स लाता था और फिर उसे इन युवक और युवतियों को बेच दिया करता था. वहीं इस पूरे मामले में पुलिस अग्रवाल परिवार के दिनेश,अक्षय और चिमन की संपत्तियों को भी चिन्हित कर रही है.फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है और जल्दी इस पूरे मामले में कई और बड़े खुलासे होने की उम्मीद पुलिस को है. वही जिस तरह से इस पूरे मामले में इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आ रहे हैं, तो निश्चित तौर पर इसमें आरोपियों की संख्या में भी जल्दी बढ़ोतरी होगी.