इंदौर। शहर में राशन माफियाओं पर की जा रही कार्रवाई की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एडिशनल एसपी की अगुवाई में यह एसआईटी पूरे मामले की जांच करेगी. अभी तक इस पूरे मामले में 6 थानों में 10 से अधिक प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. फिलहाल, इस घोटाले के मुख्य आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई कर दी गई है.
मंगलवार को उजागर हुए राशन घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस एसआईटी में एडिशनल एसपी, सीएसपी सहित तीन टीआई को शामिल किया गया है, जो पूरे मामले की बारीकी से जांच करेंगे. वहीं राशन माफियाओं पर नकेल कसते हुए 6 अलग-अलग थानों में 10 से अधिक प्रकरण पुलिस ने दर्ज कर लिए हैं. फिलहाल, ये सभी राशन माफिया फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश सरगर्मी से पुलिस द्वारा की जा रही है.
80 लाख के राशन घोटाले की जांच के लिए SIT, 6 थानों में 10 से अधिक प्रकरण दर्ज - खाद्य विभाग
राशन घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. इस एसआईटी में एडिशनल एसपी, सीएसपी सहित तीन टीआई को शामिल किया गया है, जो पूरे मामले की बारीकी से जांच करेंगे.
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राशन माफियाओं के नेटवर्क की अधिकारी करेंगे जांच
मध्य प्रदेश शासन के खाद्य विभाग भोपाल में स्थित मुख्यालय में बैठे वरिष्ठ अधिकारी भी इस घोटाले की जांच कर सकते है. दरअसल, भरत दवे का नेटवर्क इंदौर से लेकर भोपाल तक फैला हुआ है. वहीं अभी तक इस पूरे मामले में राजनीतिक संरक्षण की जांच की जा रही है. अब भरत दवे को गिरफ्तार करने के बाद पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश की जाएगी.
राशन घोटाले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी में वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है.