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भय्यू महाराज से मिलने आती थी मॉडल : सेवादार - ड्राइवर कैलाश पाटिल

भय्यू महाराज सुसाइड केस में आए दिन एक के बाद एक कई गवाहों के बयान हो रहे हैं. वहीं आज भय्यू महाराज के सेवादार के बयान कोर्ट के सामने हुए.

Bharyu maharaj
भय्यू महाराज

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Published : Mar 12, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Mar 12, 2021, 11:00 PM IST

इंदौर।भय्यू महाराज सुसाइड केस में एक के बाद एक कई गवाहों के बयान इंदौर की जिला कोर्ट में हो रहे हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर इंदौर की जिला कोर्ट में भय्यू महाराज के सेवादार के बयान इंदौर की जिला कोर्ट में दर्ज हुए. इस दौरान उसने कई बातों का जिक्र कोर्ट के सामने किया है.

धर्मेंद्र गुर्जर, एडवोकेट

भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में भय्यू महाराज के ड्राइवर कैलाश पाटिल से आरोपी पक्ष के वकील आशीष चौरे और धर्मेंद्र गुर्जर ने घटना के समय दिए गए बयानों पर सवाल किए. जिसमें महाराज के ड्राइवर कैलाश पाटिल ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि महाराज की दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी ने भय्यू महाराज की कार में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगवा रखा था. जिसका कंट्रोल उसके मोबाइल में था. भय्यू महाराज किससे मिलते थे, कब मिलते थे, इसकी पूरी जानकारी साथ में रहने वाले सेवादारों से वह लेती थी.

ट्रस्ट को लेकर यह बताया


जब कैलाश पाटिल ने बिना ट्रस्ट की मीटिंग के किसी को भी सदस्यता देने से इनकार किया तो 2 दिन बाद डॉक्टर आयुषी के वकील निवेश बड़जात्या ने उसे झूठे ब्लैक मेलिंग के केस में अरेस्ट करवा दिया था. कैलाश पाटिल ने यह भी बताया कि भय्यू महाराज के मुख्य सेवादार शरद और विनायक महाराज के बेटी कुहू और पत्नी डॉक्टर आयुषी के बीच हमेशा होने वाले झगड़ों से महाराज काफी तनाव में रहते थे. जबकि विनायक पर लगे करोड़ों रुपए को गायब करने की बात सरासर गलत है. उनके सामने कभी भी विनायक कहीं से ना रुपये लाया और ना ही कभी कोई बड़े बैग कार में रखे.

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मॉडल के बारे में किया जिक्र

कोर्ट में सोनिया सिंह नाम की एक मॉडल का नाम भी सामने आया है, जो महाराज से मिलने इंदौर आती थी. जिसकी सेवा के लिए महाराज के सेवादार मनोहर सोनी को लगाया जाता था. भय्यू महाराज के घर से किसी को भी बिना बताए उसके लिए खाना जाता था. शरद और विनायक महाराज की मौत के 3 महीने पहले तक उनकी बेटी को संभालने के लिए पुणे में रह रहे थे. वहीं वर्षा सतपाल का नाम की एक महिला के 5000 करोड़ रुपए इन्वेस्टमेंट की बात भी सामने आई है, जो कि बैतूल के मुलताई जिला में करवाई गई थी. जिसकी रजिस्ट्री निवेश बड़जात्या और मनोहर ने कराई थी. जिसमें कैलाश पाटिल पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर उसे बंद करवाया है. उसे इसकी अच्छी खासी दलाली भी मिली थी.

फिलहाल आने वाले दिनों में भय्यू महाराज सुसाइड केस में कई और गवाहों के बयान इंदौर की जिला कोर्ट में होंगे. जिस तरह से एक के बाद एक गवाहों के बयान इंदौर की जिला कोर्ट में हो रहा है, उससे भय्यू महाराज सुसाइड केस की गुत्थी काफी उलझती हुई नजर आ रही है.

Last Updated : Mar 12, 2021, 11:00 PM IST

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