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कोरोना के कारण तीन दिन में एसडीओपी के पिता और भाई की मौत - SADOP's father and brother died

जिले में कोरोना महामारी लगातार पैर पसार रही है. जिसके कारण कई परिवार खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके हैं. इंदौर के सांवेर के एसडीओपी के परिवार में मात्र कुछ दिनों में दो लोगों की मौत हो गई. एसडीओपी के पिता की मौत के बाद उनके भाई की मौत भी हो गई है. जिसके बाद वह वापस से अपने घर गांव पहुंचे.

SDOP Pankaj Dixit
एसडीओपी पंकज दीक्षित

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Published : May 5, 2021, 7:51 PM IST

इंदौर। जिले में पदस्थ एसडीओपी के घर कोरोना संक्रमण के चलते 3 दिनों में दो बार मातम पसर चुका है. पहले पिता की मौत हुई, उसके बाद भाई ने भी संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया. सांवेर एसडीओपी पंकज दीक्षित इटावा के रहने वाले हैं. पिता पूरन चंद्र दिक्षित रिटायर्ड प्राचार्य थे उन्हें और उनके छोटे बेटे मलयज को कोरोना संक्रमण के चलते ग्वालियर में भर्ती कराया गया था. 3 दिन पहले एसडीओपी के पिता का निधन हो गया था. पिता की मौत के बाद एसडीओपी अंतिम संस्कार में भी शामिल होने गए थे. पिता के क्रिया कर्म के बाद एसडीओपी दोबारा ड्यूटी पर आ गए. दिन भर ड्यूटी के बाद रात को उनके पास फिर फोन आया कि मलयज ने भी दम तोड़ दिया है, इसके बाद एक बार फिर अपने घर की ओर रवाना हो गए.

  • सेवा कार्य लगातार रखा जारी

एक ओर एसडीओपी के पिता और भाई मलयज गंभीर रूप से हॉस्पिटल में भर्ती थे, तो वहीं दूसरी ओर एसडीओपी अपने फर्ज को निभाने के लिए इंदौर में ड्यूटी पर तैनात थे. जब उन्हें उनके पिता की मौत की सूचना मिली तो वह ड्यूटी पर से एक-दो दिन की छुट्टी लेकर पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गए, वापस लौट कर ड्यूटी जॉइन कर ली, लेकिन जब वह ड्यूटी पर तैनात थे इसी दौरान उन्हें जानकारी लगी कि उनके भाई की भी इलाज के दौरान मौत हो गई. एक बार फिर एसडीओपी अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचे.

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  • कई अधिकारी फर्ज के लिए भूले घर

मध्य प्रदेश में कई अधिकारी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं जो अपने निजी परेशानियों को भूलकर लगातार सेवा कार्य में जुटे हुए हैं. लगातार ड्यूटी पर तैनात होकर अन्य लोगों की मदद भी कर रहे है. पिछले दिनों इंदौर के ही एडीएम स्तर के अधिकारी के पिता की मौत हो गई थी. जब उन्हें अपने पिता की मौत की सूचना मिली तो उस समय वह ड्यूटी पर तैनात थी. सुचना के बाद वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो गए लेकिन कुछ ही देर बाद वापस लौट कर अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गए.

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