इंदौर। बीजेपी विधायक और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को जेल भिजवाने की पूरी स्क्रिप्ट इंदौर नगर निगम में ही तैयार हुई. बीते कुछ सालों में यह दूसरा मौका है जब कैलाश विजयवर्गीय खेमे के पार्टी नेताओं और पार्षदों को नगर निगम द्वारा जेल भिजवाया गया है. इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने खुद किया है.
अपने अधिकारी के विधायक से पिटते ही आकाश विजयवर्गीय पर कठोर कार्रवाई कराने का मोर्चा जिले के शीर्ष प्रशासनिक स्तर पर संभाला. पूर्व नियोजित तैयारी के तहत आकाश के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज कराया गया नतीजतन उन्हें जिला कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाने के कारण जेल जाना पड़ा.
नगर निगम के कर्मचारी के साथ जैसे ही मारपीट की घटना हुई, उसके तुरंत बाद नगर निगम के कर्मचारियों समेत महासंघ ने हड़ताल की धमकी देते हुए विधायक के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने उपद्रव और हमला करने की धाराएं लगवाने के लिए मोर्चा संभाल लिया था. अधिकारियों की मांग पर नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र समेत कलेक्टर लोकेश जाटव से चर्चा की. इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने घटना के वीडियो भी देखें. पूरा घटनाक्रम वीडियो में साफ नजर आ रहा था लिहाजा अन्य अधिकारी भी विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज करने पर सहमत नजर आए.
लगातार मामला मीडिया पर गरमाने की वजह से गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी तत्काल पूरे मामले की जानकारी लेकर आला अधिकारियों को इस मामले में कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इस स्थिति को भांप कर आकाश विजयवर्गीय के पक्ष में विधायक रमेश मेंदोला ने तत्काल पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर आकाश को अपने बचाव में ऐसा करने का विश्वास दिलाने का प्रयास किया. लेकिन परिस्थिति जन्य साक्ष्य और आकाश द्वारा अधिकारी को 5 मिनट में चले जाने का वीडियो वायरल होने के कारण वो आकाश को जेल जाने से बचा पाने में सफल नहीं हो पाए.
घटनाक्रम से पहले ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ आकाश विजयवर्गीय खुद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंच चुके थे वहां पुलिस ने बयान और पूछताछ के बहाने उन्हें रोक लिया. नगर निगम के पीड़ित जोनल अधिकारी धीरेंद्र बायस के बयान के आधार पर एमजी रोड पुलिस ने धारा 353, धारा 294, धारा 506, धारा 147, धारा 148 के तहत मामला दर्ज कर लिया.
गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज कराने की प्लानिंग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाने से एफआईआर की कॉपी सबसे पहले नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारी संघ के पास पहुंची, जिन्होंने तत्काल ही इसे सभी जगह वायरल कर दिया. इस दौरान रूचि वर्धन मिश्र आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ केस दर्ज करने और गिरफ्तारी की घोषणा भी थाने पहुंच कर खुद कर दी.