इंदौर। अपने माता-पिता की तलाश में लगभग पांच साल पहले पकिस्तान से भारत आयी गीता अब तक अपने परिजनों से दूर है. संस्था के माध्यम से लगातार किए गए प्रयास अधूरे ही रहे. इसी बीच गीता ने अपने विवाह की इच्छा भी जाहिर की, लेकिन उसमें भी सफलता हाथ नहीं लगी. पाकिस्तान से आने के बाद इंदौर पहुंची गीता अब तक जिस संस्था में रह रही थी, कुछ समय पहले उसने गीता को रखने से इनकार कर दिया. जिसके बाद अब गीता का नया ठिकाना मिल गया है.
गीता ने विजय नगर इलाके में स्थित सांकेतिक भाषा के जानकार पुरोहित दंपति के घर रहने की इच्छ जाहिर की, पुरोहित दंपति ने गीता को रखने की सहमति जताई है. पिछले काफी समय से गीता इंदौर के एक अन्य संस्थान में रह रही थी, जो संस्था उसको पाकिस्तान से लेकर आई थी, उसने गीता की जिम्मेदारी आनंद मूक बधिर संस्था को सौंप दी थी. गीता के माता- पिता की तलाश में भविष्य की जो भी योजना है, इसके बारे में यही संस्था आगे काम करेगी.
सामाजिक न्याय विभाग को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दे दी गई है. इसके साथ ही अधिकारियों के समक्ष गीता का सारा सामान व नगदी उसे सौंप दिया गया है. ज्ञानेंद्र पुरोहित के मुताबिक उनके यहां मूक बधिर बच्चों के लिए हॉस्टल संचालित होता है, लेकिन कोरोना के कारण फिलहाल बंद है. इसलिए गीता को अपनी मां के साथ रखा गया है. जहां उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. उसके माता-पिता की खोज अभी जारी रहेगी. वहीं गीता के द्वारा बिहार और बिहार के आसपास जो जगह बताई गई है, वहां पर अब उसके माता-पिता की खोज को तेज किया जाएगा.