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Truth of pm cares fund: निजी हाथों में है पीएम केयर्स फंड, हाईकोर्ट की याचिका में खुलासा

आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम केयर्स फंड (PM cares fund) भारत सरकार का फंड नहीं है. इसे निजी लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले ने पीएम केयर्स फंड (Truth of pm cares fund) की असलियत उजागर कर दी है. इधर, कांग्रेस ने इस फंड और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

PM Cares Fund Fraud
पीएम केयर्स फंड फ्रॉड

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Published : Sep 25, 2021, 12:22 PM IST

इंदौर। देश और दुनिया के जो लोग राष्ट्र निर्माण और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की अपील देखकर पीएम केयर्स फंड में लाखों-करोड़ों रुपये दान दे रहे हैं, उनके लिए यह खबर वाकई चौंकाने वाली हो सकती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि पीएम केयर्स फंड (PM cares fund) भारत सरकार का फंड नहीं है. इसे निजी लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले ने पीएम केयर्स फंड (Truth of pm cares fund) की असलियत उजागर कर दी है. इधर, कांग्रेस ने इस फंड और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा पर साधा निशाना.

फंड में अब तक करोड़ों रुपये का हुआ दान
दरअसल, भारत सरकार के नाम पर कई वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो वाली एक वेबसाइट (PM care fund website) के जरिए करोड़ों रुपए का दान प्रधानमंत्री की अपील के जरिए देश के विभिन्न कॉरपोरेट घरानों और अन्य संस्थानों से एकत्र किया जा रहा हैय इस राशि का कहां और क्या उपयोग हो रहा है, इसकी जानकारी ले पाना आरटीआई सूचना (Right to information) के अधिकार के दायरे में भी नहीं है.

पीएम केयर फंड को लेकर दायर की थी याचिका
प्रधानमंत्री के नाम पर एकत्र राशि का राजनीतिक एवं निजी हित में दुरुपयोग किए जाने की आशंका के चलते बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं है. इसके द्वारा एकत्र की गई राशि भारत के समेकित कोष में नहीं जाती है.

अवर सचिव ने प्रस्तुत किया हलफनामा
इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय एक अवर सचिव द्वारा कोट को प्रस्तुत एक हलफनामे में कहा कि अन्य सामाजिक ट्रस्ट की तरह ही यह ट्रस्ट नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा तैयार पैनल के जरिए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा संचालित किया जाता है. इस मामले में दायर याचिका में इस ट्रस्ट को पारदर्शिता के लिहाज से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लाने की भी मांग की गई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस अमित बंसल की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान इस पर जवाब मांगा था, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव द्वारा दायर हलफनामे में कहा है, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, ट्रस्ट द्वारा प्राप्त धन के उपयोग के विवरण के साथ ऑडिट रिपोर्ट (Audit report of pm care fund) ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर डाल दी जाती है. इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को फिर होगी.

कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (former minister sajjan singh verma) ने इस मामले में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर अवैध रूप से कॉरपोरेट घरानों से धन उगाही हो रही है. पीएम केयर्स फंड में जो राशि एकत्र हुई है, उसका उपयोग भाजपा के चहेतों को उपकृत करने के लिए किया जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि निजी वेबसाइट होने के बावजूद पूरे मामले में पीएमओ कार्यालय से पत्राचार किया जा रहा है, जबकि वेबसाइट का स्वरूप और डोमेन भी सरकारी है.

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इस मामले में कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट से निष्पक्ष जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करते हुए पीएम केयर्स फंड में जमा राशि को भारत सरकार के कोष में जमा कराने की मांग की है. जिससे आम लोगों द्वारा विश्वास के साथ दिए गए धन की बर्बादी रोकी जा सके.

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