मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

पेड़ के नीचे लगती है वर्दी वाले शिक्षक की क्लास, गरीब बच्चों को देते हैं नि:शुल्क शिक्षा

इंदौर के लाल बाग में पेड़ के नीचे 50 से अधिक बच्चों को पुलिसकर्मी संजय सांवरे पिछले चार साल से पढ़ा रहे हैं. संजय हर रविवार को अपनी ड्यूटी खत्म कर बच्चों को पढ़ाने पहुंचते हैं. संजय सांवरे ने अपने खर्च पर इन बच्चों को कॉपी- किताब सहित पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधनों को उपलब्ध भी कराते हैं.

Design photo
डिजाइन फोटो

By

Published : Sep 3, 2020, 3:36 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 10:49 PM IST

इंदौर।पुलिस का नाम सुनते ही लोगों की आंखों के सामने एक नाकारात्मक छवि सामने आ जाती है, लेकिन कोरोना काल में पुलिसकर्मियों ने दूत बनकर काम किया है. महामारी के दौर पुलिस के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद की है. अब इंदौर में पुलिसकर्मी एक शिक्षक की भी भूमिका निभा रहे हैं.

बच्चों को मुफ्त में पढ़ाता है पुलिस का यह जवान

इंदौर में एक स्कूल ऐसा है, जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए उनका टीचर खाकी वर्दी में पहुंचते हैं. स्कूल हर संडे को पेड़ के नीचे लगता है. जिसमें गरीब बस्तियों के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है. शहर के पुलिस जवान संजय सांवरे अपनी ड्यूटी करने के बाद समय निकालकर बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं. पिछले 4 सालों से संजय सांवरे की क्लास हर संडे लगती है. जिसमें बच्चे भी बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

शहर के लाल बाग में एक पेड़ के नीचे 50 से अधिक बच्चों के साथ एक पुलिसकर्मी हर रविवार नजर आता है. इंदौर में ही पदस्थ पुलिस जवान संजय सांवरे की स्पेशल क्लास लगती हैं. जिसमें वह टीचर बनकर बच्चों को सामान्य ज्ञान और अन्य विषयों की पढ़ाई करवाते हैं. पिछले 4 साल से लगातार संजय सांवरे की क्लास जारी है और यहां पढ़ने वाले सभी बच्चों का एडमिशन भी संजय सांवरे ने स्कूल में करवा रखा है.

ड्यूटी पूरी करने के बाद क्लास के लिए पहुंचते हैं संजय

संजय सांवरे हर रविवार को अपनी ड्यूटी करने के बाद बस्ती के बच्चों को पढ़ाने पहुंचते हैं. संजय को देखकर ही सभी बच्चे एकत्रित हो जाते हैं और अपना खेलना कूदना बंद कर क्लास में पढ़ाई करने बैठ जाते हैं. संजय के साथ ही उनके कई दोस्त भी इस अभियान से जुड़ चुके हैं. जिसके बाद अब 10 से 15 लोग बच्चों की पढ़ाई का ध्यान रखते हैं और समय-समय पर इन्हें कॉपी किताब सहित पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाते हैं.

शुरुआती दौर में नहीं थी पढ़ाई को लेकर कोई जागरूकता

संजय बताते हैं कि, शुरुआती दौर में जब उन्होंने बस्ती के बच्चों को पढ़ाने की बात कही, तो बच्चों के माता-पिता ने मना कर दिया. बस्ती में रहने वाले लोगों की धारणा थी कि, बच्चे पढ़ाई न करते हुए काम करें. जिससे कि उनका घर चल सके. संजय ने सभी परिवारों से संपर्क कर माता-पिता को शिक्षा के प्रति जागरूक किया. जिसका असर ये हुआ कि, संजय की क्लास में सभी बच्चे पहुंचने लगे.

संजय की क्लास में एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र भी आ चुकी हैं

संजय ने सभी बच्चों का एडमिशन पास के ही सरकारी स्कूल में करवा दिया और खुद रविवार को बच्चों की क्लास लेने की जिम्मेदारी निभाने लगे. संजय ने अपने खर्चे से ही बस्ती के बच्चों को त्योहार पर कपड़े और स्कूल बैग देने की योजना भी बना रखी है. संजय के मुताबिक बच्चे कोचिंग तो क्या स्कूल पहुंचने में भी सक्षम नहीं हैं. इसीलिए वो इनकी मदद कर रहे हैं. संजय के कार्य को देखते हुए इंदौर की एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र भी उनका हौसला बढ़ाने के लिए गरीब बच्चों के बीच पहुंचकर उन्हें प्रोत्साहित कर चुकी है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 10:49 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details