इंदौर।लॉकडाउन के दौरान मार्क्स उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह को इंदौर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों से इंदौर क्राइम ब्रांच पूछताछ में जुटी हुई है. शिकायतकर्ता शुभम बोहरा ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसे कोरोना काल में मास्क की जरूरत थी. इसके लिए उसका मोबाइल फोन पर मास्क लेने का 69 हजार रूपये में सौदा तय हुआ. शिकायतकर्ता ने इसके लिए आवेदन राशि जमा करा दी गई. लेकिन बाद में उसे न मास्क मिले और बार-बार संपर्क करने पर भी उस व्यक्ति द्वारा आवेदक की धनराशि नहीं लौटाई गई. आखिर में परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की.
दूसरों के खाते में जमा करवाता था राशि
आवेदक की शिकायत दर्ज होने के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच तफ्तीश में जुट गई. इंदौर क्राइम ब्रांच की जांच में पाया गया कि आरोपी सुनील सैनी ने अपने एक साथी के बैंक खाते में राशि 69 हजार रुपये जमा कराए थे. शुरूआती जांच में पुलिस ने आरोपी मोहित दुबे और सुनील सैनी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सुनी सैनी ने बताया कि उसका दोस्त सुमित सालुंके जो खजराना का रहने वाला उसको 500 रूपये प्रति सिम के हिसाब से पैसा लेकर, स्वयं के आधार कार्ड पर 5 सिम खरीदी गई थी. जिसका उपयोग सुमित सांलुके एवं उसके परिचित हिमांशु पटेल द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है. अतः आरोपी सुनील से पुलिस टीम को यह पता लगा कि मामले में धोखाधड़ी करने वाले अन्य लोग हिमांशु व सुमित हैं. जिनके द्वारा सुनील सैनी के सिम कार्ड व मोहित दुबे के खाते का दुरूपयोग कर लोगों को छलपूर्वक ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. इसके बाद मोहित दुबे से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह पूर्व में विजयनगर में 24 कैफे पर वेटर की नौकरी करता था. जिसका मालिक हिमांशु पटेल था. अतः हिमांशु पटेल ने मोहित दुबे से ऑनलाईन मासिक वेतन जमा कराने के लिये महिन्द्रा कोटक बैंक में ऑनलाईन खाता खुलवाने के लिये दस्तावेजों की मांग की थी. हिमांशु पटेल ने मोहित दुबे के नाम से ऑनलाईन खाता खोल लिया था. उसके बाद उस खाते का नम्बर व समस्त जानकारी हिमांशु पटेल को थी, जोकि वेतन जमा करने के साथ ही कई जगहों के पेमेंट मोहित दुबे के खाते में जमा कराता था. बाद में मोहित दुबे से पैसे निकलवा कर खुद ले लेता था, लेकिन जब मोहित को पता चला कि यह पैसा अवैध तरीके से उसके खाते में आ रहा है तब वह हिमांशु पटेल से खाते का दुरूपयोग करने के बदले में ठगी से प्राप्त रूपयों में से कुछ राशि लेने लगा.