इंदौर। स्वच्छता के बाद अब इंदौर अब पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी अपना परचम लहराने जा रहा है. यहां एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट बनाया गया है. इस प्लांट का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया. कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली शामिल हुए. 8 साल पहले जिस स्थान पर 15 लाख मीट्रिक टन कचरे के पहाड़ थे, अब वहां कचरा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लग चुकी है.
यूरोप और यूके के कंपनी के साथ मिलकर तैयार किया प्लांट
नगर निगम ने यूरोप और यूके की एक कंपनी के साथ मिलकर बायो मीथेन प्लांट स्थापित किया है. इस दौरान प्रधानमंत्री इंदौर के अलावा भोपाल और देवास के स्वच्छता अभियान से जुड़े प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे. बायो मीथेन प्लांट की स्थापना 2 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने की थी. प्लांट के शुभारंभ के साथ ही इंदौर देश का पहला ऐसा शहर होगा जो गीले और सूखे कचरे (wet and dry garbage) का सफल निष्पादन करते हुए कचरे से भी करोड़ों की कमाई करेगा.
जल्द सौर ऊर्जा से चलाएंगे पूरा प्लांट
100 एकड़ में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड का नया नाम अब वेस्ट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एरिया होगा. लोकार्पण के लिए देवगुराड़िया में होने वाले कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री हरदीपसिंह पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री तुलसी सिलावट, उषा ठाकुर शामिल हुए. बायो सीएनजी प्लांट लगाने वाली कंपनी के दीपक अग्रवाल बताते हैं कि प्लांट के लिए हर दिन 18 हजार यूनिट बिजली लगेगी. अभी शुरुआत में 20 प्रतिशत पॉवर सौर ऊर्जा से लेंगे. इसके लिए प्लांट के ऊपर ही सौर पैनल लगेगा. एक से डेढ़ साल में हम इसे पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलाएंगे.