इंदौर। बीते 2 महीने से अलग-अलग इलाज के लिए परेशान मरीजों और सामान्य बीमारियों से पीड़ित जनता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने जिले के समस्त स्पेशलिस्ट, जनरल प्रेक्टिशनर्स, फैमिली फिजीशियन्स आदि आयुष एवं होम्यापैथिक के रजिस्टर्ड डॉक्टर के क्लीनिक्स को खोलने की अनुमति दे दी है.
इस आशय को लेकर आज जारी किए गए आदेशों के मुताबिक कंटेनमेंट एरिया में कोई भी क्लिनिक नहीं खुलेगी. इसके अलावा डॉक्टरों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे-थर्मल गन, ट्रिपल सर्जिकल मॉस्क, फेस शील्ड, हैंड ग्लब्स, सेनिटाइजर आदि का नियमित रूप से उपयोग करना होगा. किसी भी पेशेंट के क्लिनिक पर आने पर सर्वप्रथम थर्मल गन से उसका तापमान और पल्स ऑक्सीमीटर से उसका ऑक्सीजन सेच्युरेशन ज्ञात करना होगा और पूर्ण संतुष्टि के उपरांत ही सामान्य उपचार प्रारंभ करना होगा.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी
डॉक्टरों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वेटिंग रुम में दो-दो मीटर मान से ही दूरी रहे. यथासंभव क्लिनिक में एसी का उपयोग नहीं किया जाए. अत्यावश्यक होने की स्थिति में ही 25 से 27 डिग्री तापमान तथा 40 से 7 डिग्री हिम्युडिटी पर एसी चलाया जाये. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि एसी का यूनिट डॉक्टर की कुर्सी के पीछे हो, क्लिनिक की खिड़कियां खोलकर रखें. एरोसोल बनाने वाली क्रियाओं जैसे नेबुलाईजर आदि का उपयोग न करें. क्लिनिक के वेटिंग रुम में किताबें, खिलौने तथा अन्य अनावश्यक अनुपयोगी सामग्री न रखें. क्लिनिक के फ्लोर एवं टॉयलेट को दिन में दो बार साफ कराए.
हर बार लिखना होगा नया प्रिस्केप्शन
मरीज के पुराने कागजों एवं रिपोर्ट को हाथ न लगायें औप हर बार नवीन प्रिस्केप्शन लिखे. क्लिनिक के ओपीडी का समय यथासंभव कम रखें. शाम 6 बजे के पूर्व क्लिनिक को बंद करें अगले तीन माह तक जितने भी सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज उनके यहां पहुंचे, उन्हें निकटतम शासकीय फीवर मोहल्ला क्लिनिक में भेजें. ऐसे डॉक्टर जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो तथा को-मोर्बीनिटी हैं तो उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वे अपना दो माह तक क्लिनिक बंद रखें तथा घर से ही अपने मरीजों को फोन पर परामर्श दें डॉक्टर्स, क्लिनिक संचालकों तथा उनके कर्मचारियों को यथा आवश्यक प्रधानमंत्री कोविड-19 बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा.