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अमेरिका में रहने वालों लोगों से ठगी, पुलिस ने 21 आरोपियों को किया गिरफ्तार

इंदौर पुलिस ने लसूड़िया थाना क्षेत्र में संचालित एक कॉल सेंटर पर छापामार कार्रवाई करते हुए 16 लड़के और 3 लड़कियां समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.

The people living in America were being cheated
अमेरिका में रहने वालों से की जा रही थी ठगी

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Published : Nov 7, 2020, 1:31 AM IST

इंदौर।प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर की पुलिस लगातार ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों की धरपकड़ करती रहती है. इसी कड़ी में इंदौर क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इंदौर के कुछ युवकों और युवतियों के द्वारा अमेरिकी लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस ने लसूड़िया थाना क्षेत्र में संचालित एक कॉल सेंटर पर छापामार कार्रवाई करते हुए 21 लोगों को गिरफ्तार किया है.

21 आरोपियों को किया गिरफ्तार

युवक और युवतियों को देते थे दो महीने की ट्रेनिंग

इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी जब्त किए गए है. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. वहीं पुलिस को इस पूरे मामले में यह भी जानकारी लगी है कि जिन युवक और युवतियों को कॉल सेंटर में रखा जाता था उन्हें पहले 2 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती थी और उस ट्रेनिंग में किस तरह से बातचीत करना है और अमेरिकी लैंग्वेज का उपयोग कर किस तरह से ठगी की वारदात को अंजाम देना है. इस बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाता था.

21 लोगों की गिरफ्तारी

इंदौर के लसूडिया क्षेत्र में गुजरात के युवक-युवतियों के द्वारा एक काल सेंटर ऑपरेट किया जा रहा है. इसकी सूचना के आधार पर इंदौर क्राइम ब्रांच ने गुरुवार देर रात तकरीबन 11:30 बजे मुखबिर की सूचना के आधार पर तीन टीमें बनाई और छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया.इस दौरान वहां पर काम करने वाले मैनेजर जोशी फ्रांसिस एवं आईटी हेड जसराज पटेल सहित अन्य 16 लड़के और 3 लड़कियां सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं पकड़े गए आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर के द्वारा अमेरिकी नागरिकों का डाटा अवैध रूप से खरीदा गया फिर डाटा के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को टारगेट करते हुए. उनसे ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया.

मैसेज के द्वारा लोगों को करते थे ब्लैकमेलिंग

बताया जा रहा है कि युवक और युवतियों को जो डाटा अमेरिकी नागरिकों का मिला था उन नंबरों पर पहले कॉल सेंटर में मौजूद युवक और युवतियों के द्वारा विभिन्न तरह के मैसेज भेजे जाते थे. मैसेज में अवैध गतिविधि जैसे ड्रग्स ट्रेफिकिंग, मनी लांड्रिंग के नाम से पहले उन्हें डराया जाता था और साथ में एक टैक्स नंबर भी दिया जाता था, जैसे ही उन्हें यह मैसेज मिलता तो तत्काल अमेरिकी नागरिक इन नंबरों पर फोन करते फिर कॉल सेंटर पर मौजूद युवक और युवती उस अमेरिकी नागरिक को इस कदर डराते थे कि वह अपनी पूरी डिटेल इनको बता देता था.

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